गजेंद्र व राकेश 10 दिनों की रिमांड पर

मोती, मुकेश व उमाशंकर की रिमांड अवधि बढ़ी एनआइए को बड़े खुलासे की उम्मीद मोतिहारी : घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर आइइडी रखने व कानपुर रेल हादसे में एनआइए की टीम ने आइएसआइ एजेंट गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव को 10 दिनों की रिमांड पर लिया है. वहीं मोतीलाल पासवान, मुकेश यादव और उमाशंकर पटेल की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 18, 2017 6:09 AM

मोती, मुकेश व उमाशंकर की रिमांड अवधि बढ़ी

एनआइए को बड़े खुलासे की उम्मीद
मोतिहारी : घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर आइइडी रखने व कानपुर रेल हादसे में एनआइए की टीम ने आइएसआइ एजेंट गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव को 10 दिनों की रिमांड पर लिया है. वहीं मोतीलाल पासवान, मुकेश यादव और उमाशंकर पटेल की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ा दी गयी है. पहले इन तीनों को 11 दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया था. गजेंद्र शर्मा
एनआइए ने गजेंद्र
ने तीन दिन पहले कोर्ट में सरेंडर किया था, तो राकेश की गिरफ्तारी रक्सौल सीमा क्षेत्र से हुई थी. सूत्रों के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्र में गजेंद्र और राकेश को आइएसआइ का ब्रेन माना जाता है जो स्वयं संदिग्धों की टीम में शामिल होकर आइएसआइ के लिए स्लीपर सेल के निर्माण में सक्रिय थे. एनआइए को गजेंद्र और राकेश से बड़े सुराग मिलने की संभावना है. यहां बता दें कि गजेंद्र शर्मा गायन के बाद भोजपुरी फिल्म बनाने के चक्कर में आइएसआइ से जुड़ रुपये कमाने की जुगत में था, जिसमें सफलता न मिल सकी. ये दोनों दुबई में बैठे शमशुल होदा (अब गिरफ्तार) का विश्वासपात्र माने जाते थे.
सरगना बंद है नेपाल जेल में
सरगना शमशुल होदा फिलवक्त सीमावर्ती नेपाल पुलिस की गिरफ्त में है. ब्रजकिशोर गिरि उर्फ बाबा भी है. इधर, बाबा के साले को शंभु गिरि पर एनआइए व पुलिस की नजर है. शंभु की गिरफ्तारी से भी बड़े खुलासे की संभावना है. इधर, रक्सौल से गिरफ्तार दीपू व सूरज केंद्रीय कारा, मोतिहारी में बंद हैं, उन्हें भी एनआइए रिमांड पर ले सकती है.
आमने-सामने हो
सकती है पूछताछ
घोड़ासहन व कानपुर ट्रेन हादसे में रिमांड पर लिये गये गजेंद्र शर्मा, राकेश यादव और पूर्व से रिमांड पर रहे मोतीलाल पासवान, उमाशंकर पटेल, मुकेश यादव से एनआइए आमने-सामने भी पूछताछ कर सकती है. सूत्रों के अनुसार एनआइए चार बार घोड़ासहन दौरा कर चुकी है. ऐसे में फिर गजेंद्र के साथ उसकी स्टूडियो व अन्य स्थानों की जांच व इससे जुड़े संदिग्ध लोगों से पूछताछ करे, तो आश्चर्य नहीं.

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