जिले में डेंगू ने दे दी है दस्तक अब तक 13 मरीज हुए चिह्नित

रक्सौल व मोतिहारी नप को मच्छररोधी दवा छिड़काव का निर्देश हथिया नक्षत्र की बारिश के बाद डेंगू ने जिले में शुरू किया पांव पसारना मोतिहारी : हथिया नक्षत्र की बारिश के बाद जगह-जगह जल-जमाव से अब डेंगू बीमारी पांव पसारने लगी है. डेंगू मच्छर रोधक दवा का छिड़काव न शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2019 12:45 AM

रक्सौल व मोतिहारी नप को मच्छररोधी दवा छिड़काव का निर्देश

हथिया नक्षत्र की बारिश के बाद डेंगू ने जिले में शुरू किया पांव पसारना
मोतिहारी : हथिया नक्षत्र की बारिश के बाद जगह-जगह जल-जमाव से अब डेंगू बीमारी पांव पसारने लगी है. डेंगू मच्छर रोधक दवा का छिड़काव न शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है. अब तक 15 मरीज चिह्नित किये गये हैं. मोतिहारी नगर परिषद में चार फॉगिंग मशीन है, जो मामूली केमिकल के अभाव में नकारा साबित हो रहे हैं. जगह-जगह जल जमाव है, जिससे डेंगू व अन्य प्रकार के मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है. इस ओर न नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन का ध्यान है.
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सदर अस्पताल में एक भी मरीज नहीं आये है. मंगलवार को एक मरीज आया था, जिसके जांच में डेंगू नहीं निकला. इधर, डेंगू पीड़ित मरीज निजी स्तर पर अपनी चिकित्सा करा रहे हैं. इससे जिले के पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण जायसवाल एक पखवाड़े से पीड़ित है. बेलवनवा का हर्ष नामक लड़का स्थानीय स्तर पर रेफर होने के बाद पटना में इलाजरत है. वहीं अगरवा के सोमू राज की चिकित्सा स्थानीय स्तर पर की जा रही है. गैर सरकारी स्तर पर इसका आंकड़ा करीब दो दर्जन से अधिक है.
सदर अस्पताल में 10 प्रकार की जांच सामग्री नहीं : एक ओर जिले में डेंगू के साथ अन्य मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है तो दूसरी ओर सदर अस्पताल में जांच सुविधा लोगों को मूंह चिढ़ा रहा है. हेपेटाईटिस बी व यूरिन जैसे जांच की सुविधा नहीं है. एचबीएसएजी जो हेपेटाईटिस बी जांच होता है व हेपेटाइटिस सी के लिए एचसीवी, गुप्त रोग के लिए भीडीआरएल, एचआईवी का इमरजेंसी कीट नहीं है. इसके अलावा यूरिन, क्रिटनिल, एसजीपीटी, एसजीओटी, जॉडिंस आदि के केमिकल नहीं है, जिसके कारण जांच प्रभावित हो रहा है. सीबीसी जांच के लिए पीएचसी में आपूर्ति की गयी केमिकल को मंगा कर जांच कराया जा रहा है.
बचाव ही सर्वोत्तम इलाज : शहर के वरीय चिकित्सक डॉ आशुतोष शरण ने बताया कि डेंगू से बचाव ही उपचार है. घर के आस-पास साफ-सफाई रखे और पानी का जमाव नहीं होने दे. पूरा शरीर ढकनेवाला कपड़ा पहने. डा टीपी सिंह ने बताया कि अगर घर में कूलर हो तो उसका पानी बदलते रहे.
ज्यादा दिन हो गया हो तो उसमें एक चम्मच पेट्रौल या मिट्टीतेल डाले. घर के पास जल-जमाव हो तो उसमें ब्लिचिंग या मिट्टीतेल का छिड़काव करें. इधर डा पुष्कर कुमार ने बताया कि अगर घर के पास जल-जमाव है तो दिन हो या रात सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. मच्छररोधी लिक्विट भी इस्तेमाल करें. बच्चों को गंदगी वाले जगह से दूर रखे. ताकि मच्छरों का प्रकोप बच्चों पर न हो सके.

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