पूचं में घट रहा लिंगानुपात, लड़कियों की संख्या में कमी

मोतिहारी :बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ का नारा दे सरकार भले ही बेटियों की सुरक्षित करने का दावा करती है और उनकी बेहतरी के लिए कई योजनाएं चलाती हैं,लेकिन उसका असर पूर्वी चंपारण जिले में कितना है, प्राप्त आंकड़ों को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. लिंगानुपात लगातार घट रहा है और लड़कियों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 2:52 AM

मोतिहारी :बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ का नारा दे सरकार भले ही बेटियों की सुरक्षित करने का दावा करती है और उनकी बेहतरी के लिए कई योजनाएं चलाती हैं,लेकिन उसका असर पूर्वी चंपारण जिले में कितना है, प्राप्त आंकड़ों को देख सहज अनुमान लगाया जा सकता है. लिंगानुपात लगातार घट रहा है और लड़कियों की संख्या में कमी दर्ज की जाने लगी है.

हालत यह है कि जिले में 902 प्रति हजार लड़कियों की संख्या दर्ज की गयी है.यानी एक हजार लड़कों पर 902 लड़कियां जिले में हैं.वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पूर्वी चम्पारण जिले की आबादी 53 लाख है. 2.5 प्रतिशत की दर से जिले की आबादी बढ़ रही है.आबादी में बच्चियों की अपेक्षा बच्चों की संख्या लागातर अधिक दर्ज की जा रही है.
महिला सशक्तीकरण दिशाहीन :
इस तरह के लिंगानुपात में कमी आने से महिला सशक्तीकरण अभियान दिशाहीन होता दिख रहा है.महिला संगठनें व विभाग के अधिकारी भले ही लाख दावा इस बाबत करते हैं,लेकिन पूरी हकीकत सामने है.

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