लोगों में बढ़ी जागरुकता तो जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या हुई कम

बक्सर : जिले में कोरोना के संक्रमण का प्रसार बहुत हद तक कम हो गया है. जिसके कारण प्रतिदिन कोरोना मरीजों की जारी होने वाली रिपोर्ट में संक्रमित लोगों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है.

By Prabhat Khabar | September 28, 2020 11:41 PM

बक्सर : जिले में कोरोना के संक्रमण का प्रसार बहुत हद तक कम हो गया है. जिसके कारण प्रतिदिन कोरोना मरीजों की जारी होने वाली रिपोर्ट में संक्रमित लोगों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है. जिला स्वास्थ्य समिति ने इसका सारा श्रेय लोगों को दिया है. कोरोना को लेकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का असर अब दिखने लगा है. इन कार्यक्रम से लोगों में यह विश्वास उत्पन्न हो रहा है कि घर में रहते हुए वह कोरोना को मात दे सकते हैं. यही कारण है कि अब ज्यादातर मरीज कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों व आइसोलेशन सेंटर्स के बजाय होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं. जिला जनसंपर्क एवं सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 27 सितंबर को जिले में सिर्फ दो संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई थी. वहीं, जिले में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 89 रह गयी है.

होम आइसोलेशन के दौरान भी सावधानी बरतनी होगी

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने बताया होम आइसोलेशन में भी मरीजों की रिवकरी रेट काफी अच्छी रही है. लेकिन, होम आइसोलेशन में रहने के दौरान भी कोरोना उपचाराधीन मरीजों को 14 दिनों तक सावधानी बरतनी होगी. दूसरी ओर, जिले में चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम का असर लोगों पर पड़ रहा है. अब बाजार में भी लोग मास्क पहने देखे जा रहे हैं. शारीरिक दूरी का भी लोग पालन कर रहे हैं. लोगों में कोरोना को हराने के प्रति विश्वास बढ़ा है. यही वजह है कि लोग होम आइसोलेशन को तरजीह दे रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. होम आइसोलेशन के दौरान घर में उपचाराधीन व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और शौचालय होना अनिवार्य है. कोरोना संक्रमित व्यक्ति की देखभाल के लिए एक व्यक्ति का होना बेहद जरूरी है.

होम आइसोलेशन में भी हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें

होम आइसोलेशन के दौरान भी मरीज मास्क का इस्तेमाल करें. मास्क यदि गीला या गंदा हो जाता है, तो उसको तुरंत बदल दें. ऐसा करने से वह तो सुरक्षित रहेंगे ही, घर के अन्य सदस्य भी सुरक्षित रहेंगे. वहीं, अगर परिवार का कोई सदस्य या बुजुर्ग जिनकी उम्र 55 साल से ज्यादा है या घर में कोई गर्भवती महिला या फिर गंभीर बीमारी से जूझ रहा कोई मरीज है, तो उपचाराधीन व्यक्ति के ठीक होने तक उनको किसी रिश्तेदार के घर ठहराने की व्यवस्था करें.

दी जाने वाली दवा का समय से करें सेवन

सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने बताया कि उपचाराधीन व्यक्ति होम आइसोलेशन के दौरान डॉक्टर द्वारा बतायी गयी दवा को नियमित रूप से लेते रहें. अगर वह किसी अन्य बीमारी की दवाएं लेते हैं, तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें. उपचाराधीन मरीज रिकवरी पीरियड के दौरान धूम्रपान न करें. साथ ही भरपूर आराम करें और शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. इसके लिए सूप, जूस और पानी आदि लेते रहें.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version