बैंकों में नोटबंदी जैसे हालात, ग्राहक परेशान

हाल-बेहाल. कारोबार पर भी नकदी की किल्लत का दिखने लगा असर बक्सर : बक्सर में इन दिनों नोटबंदी जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं. जिले की एटीएम शो पीस बनी हुईं हैं. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लग्न का मौसम है, बावजूद रुपये नहीं मिल रहे हैं. शहर के बैंकों और एटीएम का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2017 4:08 AM

हाल-बेहाल. कारोबार पर भी नकदी की किल्लत का दिखने लगा असर

बक्सर : बक्सर में इन दिनों नोटबंदी जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं. जिले की एटीएम शो पीस बनी हुईं हैं. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. लग्न का मौसम है, बावजूद रुपये नहीं मिल रहे हैं. शहर के बैंकों और एटीएम का यह हाल है, तो ग्रामीण इलाकों के बैंकों के हालात क्या होंगे यह सोच सकते हैं. ग्राहकों को जरूरत के हिसाब से रुपये नहीं मिल रहे हैं. इससे एक बार फिर नोटबंदी जैसे हालात पैदा हो रहे हैं. नोटबंदी के बाद जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का जीवन पटरी पर आने लगा था,
पर पिछले कुछ दिनों से जिस तरह नकदी को लेकर मारामारी मची है, उससे स्थिति नोटबंदी जैसी ही हो गयी है. नकदी के लिए जब लोग एटीएम पहुंचते हैं, तो उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ता है. बैंकों के पास पर्याप्त नकदी नहीं होने की वजह से लोगों को रुपये नहीं मिल रहे हैं. इससे कई जरूरी काम प्रभावित होने लगे हैं. खासकर इन दिनों शादी का मौसम है.
साथ-ही-साथ नगर निकाय का चुनाव भी चरम पर है. ऐसे समय में नकदी की किल्लत ने हर तबके को मुसीबत में डाल दिया है. कहने को तो जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 95 एटीएम हैं, पर इसमें से 10 से 15 प्रतिशत ही काम कर रहे हैं. इसमें से भी लोगों को जरूरत के हिसाब से नकदी नहीं मिल रही है. शहरी क्षेत्र के तो अधिकांश एटीएम खुली हुईं हैं, पर उनमें नकदी नहीं है. लोग सिर्फ बैलेंस चेक करने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं.
एटीएम व बैंक से निराश होकर लौट रहे ग्राहक, बाजार में भी दिख रही उदासी
नोट की किल्लत का असर कारोबार पर भी दिखने लगा है. अमूमन ऐसे समय में शहर के प्रमुख बाजारों में चहल-पहल देखी जाती थी, पर इन दिनों बाजार सूना-सूना नजर आ रहा है. खासकर बड़ी बाजार, मुनीम चौक, यमुना चौक, पुलिस चौकी आदि बाजारों में कपड़ा एवं सोने-चांदी के दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी. शादी एवं अन्य अनुष्ठान के उद्देश्य से लोग खरीदारी करते थे, पर पिछले कुछ दिनों से इन बाजारों वीरानगी छायी है. कई व्यापारियों ने बताया कि बैंक एवं एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है.
कारोबार प्रभावित होने से व्यापारी वर्ग भी परेशान है. कुछ व्यापारी ने यह भी कहा कि जान पहचानवाले लोगों को वे लोग उधार देने को मजबूर हैं. ऐसे व्यापारी इस मामले में सरकार को सीधे दोषी ठहराते हैं. एटीएम से नकदी नहीं मिलने से लोगों का दैनिक कार्य भी पर भी असर पड़ रहा है. एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से महाजन एवं अन्य लोगों से कर्ज लेकर किसी तरह लोग अपना काम निकाल रहे हैं. दूसरी तरफ बैंक भी इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिये हैं.
बैंकों की मानें, तो रिजर्व बैंक से जरूरत के मुताबिक नकदी मिलने के बाद ही लोगों को पर्याप्त रुपये मिल सकेंगे. यह सब कब तक होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. करीब डेढ़ दर्जन एटीएम का जायजा लिया. इसमें से अधिकांश एटीएम तो खुले मिले, पर उससे नकदी नहीं थी.
बैलेंस चेक करने के काम आ रही एटीएम : नकदी की किल्लत से लोग परेशान हैं. नोटबंदी के बाद धीरे-धीरे लोगों की स्थिति में सुधार होने लगी थी. पर पिछले कुछ दिनों से नकदी की किल्लत फिर शुरू हो गयी है. बड़ी संख्या में लोग एटीएम से खाली हाथ लौट रहे थे. पूछने पर बताया कि एटीएम में रुपये ही नहीं है. केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक के एटीएम खुले थे.
सरकार को ध्यान चाहिए : चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने कहा कि नकदी की किल्लत से व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
एटीएम से नकदी नहीं मिलने की वजह से लोग परेशान हैं. खासकर शादी-विवाह एवं कई जरूरी अनुष्ठान करने में लोगों को परेशानी हो रही है. सरकार को शीघ्र ही पर्याप्त नकदी बैंकों को उपलब्ध करानी चाहिए.
नकदी को लेकर परेशानी
नकदी को लेकर थोड़ी परेशानी बढ़ी है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पर्याप्त नकदी नहीं आने की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. साथ ही नोटबंदी के बाद बैंक द्वारा जो लोगों को नकदी उपलब्ध करायी गयी, वह नकदी भी बैंक में नहीं आ रही है. इसकी वजह से भी इस तरह की कठिनाई उत्पन्न हुई है. दूसरी तरफ डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. अगर नकदी पर्याप्त मिलने लगेगी, तो लोग डिजिटल पेमेंट की ओर नहीं बढ़ेंगे. कैशलेस सोसाइटी बनाने की दिशा में हो रही पहल भी इससे प्रभावित होगी.
जे चक्रवर्ती, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक

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