बक्सर में डुमरांव महाराज का हुआ अंतिम संस्कार

अंतिम विदाई : शवयात्रा में नेता, सामाजिक कार्यकर्ता समेत हजारों लोग हुए शामिल, बड़े बेटे चंद्रविजय सिंह ने दी मुखाग्नि बक्सर : बक्सर के चरित्रवन घाट पर सोमवार की शाम डुमरांव महाराजा कमल बहादुर सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इससे पहले शवयात्रा निकाली गयी गयी, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 7, 2020 8:37 AM
अंतिम विदाई : शवयात्रा में नेता, सामाजिक कार्यकर्ता समेत हजारों लोग हुए शामिल, बड़े बेटे चंद्रविजय सिंह ने दी मुखाग्नि
बक्सर : बक्सर के चरित्रवन घाट पर सोमवार की शाम डुमरांव महाराजा कमल बहादुर सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इससे पहले शवयात्रा निकाली गयी गयी, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया़ महाराज कमल सिंह के बड़े पुत्र युवराज चंद्र विजय सिंह ने मुखाग्नि दी.
इस मौके पर महाराज के छोटे पुत्र कुमार मानविजय सिंह, शिवांग सिंह, मनोज कुमार सिंह उर्फ राज सिंह मौजूद थे.वहीं, राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह शामिल हुए. इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, पूर्व सांसद जगदानंद सिंह समेत कई दिग्गज पहुंचे थे.
इसके पूर्व महाराज के शव के अंतिम दर्शन के लिए भोजपुर कोठी से राजगढ़ लाया गया था, जहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की काफी भीड़ जुटी हुई थी. शवयात्रा राजगढ़ से बक्सर के लिए सुबह निकली. श्मशान घाट पर एमएलसी हरेंद्र पांडेय, जदयू प्रदेश नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह, विधायक संजय तिवारी, राजद प्रदेश अध्यक्ष सह बक्सर पूर्व सांसद जगदानंद सिंह आदि ने महाराजा को श्रद्धांजलि दी़
चैंबर ने महाराजा कमल को दी श्रद्धांजलि
पटना : बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने चैंबर के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व सांसद महाराज कमल बहादुर सिंह के निधन पर शोक जताया है. इसको लेकर चैंबर के प्रांगण में सोमवार को शोकसभा हुई़ चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि महाराज कमल सिंह ने 30 सितंबर, 1975 से 14 सितंबर, 1976 तक बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष तथा 14 सितंबर, 1976 से 26 सितंबर, 1977 तक अध्यक्ष के रूप में राज्य के उद्यमियों व व्यवसायियों का नेतृत्व किया. अग्रवाल ने बताया कि चैंबर का 50 वर्ष पूरा होने होने पर महाराज कमल सिंह के कार्यकाल में गोल्डेन जुबली समारोह का आयोजन किया गया था.

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