ठंड से ट्रेनों की रफ्तार पर लगा ब्रेक

बक्सर : दानापुर-पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलखंड से गुजरने वाली एक दर्जन ट्रेनें अपने निर्धारित समय से करीब 2 घंटे से लेकर 8 घंटे की देरी से चल रही है. सबसे ज्यादा डाउन की ट्रेनें लेट चल रही हैं. वहीं दिल्ली से आने वाली ज्यादातर ट्रेनें लेट चल रही हैं. ट्रेनों के लेटलतीफ होने से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 20, 2019 6:18 AM

बक्सर : दानापुर-पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलखंड से गुजरने वाली एक दर्जन ट्रेनें अपने निर्धारित समय से करीब 2 घंटे से लेकर 8 घंटे की देरी से चल रही है. सबसे ज्यादा डाउन की ट्रेनें लेट चल रही हैं. वहीं दिल्ली से आने वाली ज्यादातर ट्रेनें लेट चल रही हैं. ट्रेनों के लेटलतीफ होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. वहीं कई यात्रियों को रात स्टेशन पर ही बितानी पड़ रही है.

सिकंदराबाद से चलकर रक्सौल को जाने वाली रक्सौल-सिकंदराबाद एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 6 घंटे की देरी बक्सर स्टेशन पहुंची. वहीं डाउन की श्रमजीवी एक्सप्रेस, संघमित्रा एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, लोकमान्य तिलक गुवाहाटी एक्सप्रेस, कुर्ला एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से दो घंटे से लेकर पांच घंटे की देरी से पहुंची.
वहीं आनंद विहार से चलकर भागलपुर जाने वाली गरीब रथ अपने निर्धारित समय से 2 घंटे की देरी से बक्सर पहुंची. साथ ही अप की विभूति एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन समेत कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से बक्सर स्टेशन पहुंची.
यात्रियों ने बताया कि अभी ज्यादा कोहरा भी नहीं है, लेकिन ट्रेनों का परिचालन लेटलतीफ होना शुरू हो गया है. अभी ट्रेनों का यह हाल है तो आगे क्या होगा. वहीं रेल सूत्रों की मानें तो दिल्ली में हलके कोहरे होने के चलते ट्रेनें लेट चल रही हैं. बहुत जल्द सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से चलने लगेगी.
प्रशासन ने नहीं की अलाव की व्यवस्था
इटाढ़ी. तापमान में लगातार गिरावट से ठंड का असर बढ़ गया है. ठंड बढने से लोग दिन भर अपने घरों में डूबके रहे. ठंड से राहत को लेकर दुकानदार ही जगह जगह अलाव जलाकर ठंड से राहत महसूस कर रहे हैं. आधा दिसंबर बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन ने पूरे प्रखंड में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की है.
लोगों को ठंड से बचने के लिए लकड़ी, प्लास्टिक और कचरा जला रहे हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. वहीं राजद के प्रखंड अध्यक्ष धर्मराज चौहान ने ठंड से राहत के लिए प्रशासन से इटाढ़ी बाजार, महादलित बस्ती सहित चौक-चौराहे पर अलावा जलाने की मांग की.
डुमरांव : ठंड के ठिठुरन ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल दी है.अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सर्दी की सितम से बच्चों और बुजुर्गों की सेहत बिगड़ने लगी है. ठंड से निजात पाने के लिए नगर पर्षद प्रशासन ने शहर के चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था शुरू कर दी, जिससे आम लोगों को राहत मिली है.
नगर पर्षद के चेयरमैन भागमनी देवी ने बताया कि नगर पर्षद क्षेत्र के मुख्य 20 नुक्कड़ों पर अलाव की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही दलित टोले, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन और मुख्य मंदिरों के आसपास ऐसी व्यवस्था की गयी है, जहां दिन और रात लोग अलाव की गर्मी से राहत महसूस कर रहे हैं.
लगातार बढ़ रही ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. आम लोगों की रोजमर्रे की रफ्तारों पर ब्रेक लग गया है. जिला प्रशासन ने बढ़ते ठंड के कारण 21 दिसंबर तक छोटे बच्चों के सरकारी व निजी स्कूलों को बंद करने का फरमान जारी किया है. ठंड के कारण घरों में दुबके लोग चाह कर भी सुबह बेला में बाहर नहीं निकल पाते.
वहीं महिलाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. झुग्गी-झोंपड़ी के रहने वाले गरीबों की नजर सरकार व प्रशासन पर टिकी है. बढ़ते ठंड के बाद भी प्रशासन और नप द्वारा अब तक कंबल मुहैया नहीं कराया गया. हालांकि नप प्रशासन का कहना है कि बहुत जल्द ही हर वार्डों में गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया जायेगा.
रात में भर जाता है रैन बसेरा: नगर पर्षद द्वारा रेलवे स्टेशन समीप खोले गये रैन बसेरा रात होते ही भर जाता है. 50 लोगों की व्यवस्था के बावजूद 70 से 80 लोग इस रैन बसेरे में शरण लेकर रातें गुजारते हैं. रैन बसेरा के व्यवस्थापक दुर्गेश सिंह ने बताया कि रैन बसेरा में लोगों की तादाद बढ़ने से इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी लोग नशे की हालत या उचक्के किस्म के लोग उसमें न पहुंच सके.
संस्थाओं पर टिकी गरीबों की नजर
कड़कड़ाती ठंड और पछुआ हवा से गरीबों की परेशानी बढ़ गयी है. असहाय गरीबों की नजर शहर के स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर टिकी है. शहर के दर्जनों ऐसी स्वयंसेवी संस्थाए हैं जो गरीबों के बीच कंबल, गर्म कपड़े और अलाव की समुचित व्यवस्था करते हैं. जबकि कई ऐसी संस्थाए है जो इन गरीबों के जीवन बचाने के लिए वाटर प्रूफ टेंट की भी व्यवस्था देती है.

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