एनएच 84 पर धूल उड़ने से होती है परेशानी, चलना भी मुश्किल

बक्सर : जिले को पटना एवं उत्तरप्रदेश के बलिया को जोड़ने वाली एनएच 84 पर पैदल चलना मुश्किल है. जगह-जगह सड़क ध्वस्त होने के कारण वाहनों के गुजरने के दौरान लोगों को धूल से सांस संबंधी तकलीफें बढ़ जाती है. वहीं वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जर्जर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 17, 2019 7:14 AM

बक्सर : जिले को पटना एवं उत्तरप्रदेश के बलिया को जोड़ने वाली एनएच 84 पर पैदल चलना मुश्किल है. जगह-जगह सड़क ध्वस्त होने के कारण वाहनों के गुजरने के दौरान लोगों को धूल से सांस संबंधी तकलीफें बढ़ जाती है.

वहीं वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जर्जर सड़क पर राहगीर से लेकर वाहनों में सफर करने वालों को काफी दिक्कतें होती है. धूल के कण लोगों के आंख में पड़ जाते हैं. वही आसपास के लोग धूल के कारण कई तरह की बीमारियों की जद में आ जाते हैं. जिन्हें अपना इलाज कराने के लिये हजारों रुपये खर्च करना पड़ता है. एनएच 84 पर चलने के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने के दौरान होता है.
सिंडिकेट नहर से चुरामनपुर एवं गंगा पुल तक इन दिनों सड़क पर केवल धुआं ही धुआं दिखायी देता है. बक्सर से सड़क मार्ग से बलिया व आरा-पटना जाने वाले लोगों की समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. सड़क पर बालू लदे ट्रकों के कारण भी राहगीरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
बालू लदे ओपेन वाहनों के संचालन से है समस्या : नगर में बालू का व्यवसाय गोलंबर से चुरामनपुर के बीच ही होता है. बालू लदे ओवरलोडेड ट्रक सड़क के किनारे खड़े हो जाते हैं. जहां खरीद बिक्री का सौदा होता है.
उसके बाद सड़क पर ही ट्रक से ट्रैक्टर पर अनलोड करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. जिस क्रम में बालू सड़क पर बहुत हद तक फैल जा रहा है. जिससे समस्या उत्पन्न हो रही है. वहीं ट्रैक्टर पर ढुलाई के दौरान नियमानुकूल वाहनों द्वारा ऊपर से नहीं ढंका जाता है. जिससे बालू गिरकर सड़क पर ही फैल रहा है.

Next Article

Exit mobile version