इको फ्रेंडली पटाकों से मनाये दीपावली: मंत्री

चौसा : भारतीय संस्कृति में वैसे सभी त्योहारों का अपना महत्व है, दीपावली का त्योहार भारत के कौने-कौने में सबसे ज्यादा हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह रौशनी व प्रकाश का पर्व है. इस त्योहार का सभी को इंतजार रहता है. इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को मिठाइयां, गिफ्ट आदि सामान देते हैं. बच्चों व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2019 7:41 AM

चौसा : भारतीय संस्कृति में वैसे सभी त्योहारों का अपना महत्व है, दीपावली का त्योहार भारत के कौने-कौने में सबसे ज्यादा हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यह रौशनी व प्रकाश का पर्व है. इस त्योहार का सभी को इंतजार रहता है. इस त्योहार पर लोग एक-दूसरे को मिठाइयां, गिफ्ट आदि सामान देते हैं.

बच्चों व युवाओं में आतिशबाजी को लेकर भी खासा उत्साह रहता है, लेकिन यह आतिशबाजी कई बार छोटे बच्चों, कमजोर दिल के लोगों व दिल के मरीजों के लिए मुसीबत बन जाती है. दिन प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुये दीपावली में इको फ्रेंडली दीपावली मनाने की अपील लद्यु सिंचाई व विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, मुखिया प्रतिनिधि सुबोध कुमार सुमन, सचिन कुमार पटवे, मुर्सीद आलम, मुखिया संतोष साह ने की है.
साथ ही आस-पास के लोगों से पटाखे चलाने से होने वाले नुकसान को बताने की अपील की. उन्होंने कहा कि दीपावली के दिन पटाखे न छोड़े. पर्यावरण को संतुलित बनाये रखना सभी लोगों को जिम्मेदारी हैं. पृथ्वी की रक्षा के लिए सभी को जागरूक होना जरूरी हैं.
इसलिये उन्होंने लोगों से अपील किया हैं कि खुशी व हर्षोल्लास के पर्व पर पटाखे जलाकर प्रदूषण न फैलाएं. इसके अलावा आतिशबाजी के कारण वायु व ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है. कई बार लोग छोटी-सी लापरवाही से दूसरों की जान तक जोखिम में डाल देते हैं.
हमें इस तरह की घटनाओं से बचने के लिये कम से कम पटाखों का प्रयोग करना चाहिए तथा दीपों के इस त्योहार को परिवार के साथ खुशी-खुशी मनाना चाहिये. सुमन कहते हैं कि पटाखों से निकलने वाला धुआं लोगों को सांस की तकलीफ देता है. कई बार तेज आवाज करने वाले पटाखों से सुनने की शक्ति तक चली जाती है. इतना ही नहीं पटाखों से होने वाले प्रदूषण से आंखों में देखने व कानों में सुनने की क्षमता पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है.

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