गर्मी आने से पहले अग्निशमन विभाग करेगा फुल प्रूफ तैयारी

मार्च से लेकर मई, जून तक जिले में होती हैं अगलगी की घटनाएं मुखिया की मदद से जलश्रोतों को किया जायेगा चिह्नित बक्सर : जिले में अगलगी की घटनाओं को रोकने और उस पर तुरंत निजात पाने की तैयारी में विभाग जुट गया है. इसे लेकर गत दिनों पटना में अग्निशमन के अधिकारियों के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 3:32 AM

मार्च से लेकर मई, जून तक जिले में होती हैं अगलगी की घटनाएं

मुखिया की मदद से जलश्रोतों को किया जायेगा चिह्नित
बक्सर : जिले में अगलगी की घटनाओं को रोकने और उस पर तुरंत निजात पाने की तैयारी में विभाग जुट गया है. इसे लेकर गत दिनों पटना में अग्निशमन के अधिकारियों के साथ बैठक की गयी थी. जिसमें गर्मी आने के पहले फुल प्रूफ तैयारी करने का निर्देश दिया गया था. इसके लिए जिले के अफसरों को मुखिया, आंगनबाड़ी तथा जनप्रतिनिधियों से मदद लेने की बात कही गयी थी. अमूमन जिले में मार्च से लेकर जून तक अगलगी की घटनाएं घटित होती है. जिसमें हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. इससे राज्य सरकार को भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इस तरह की घटनाएं न घटित हो इसके लिए अग्निशमन विभाग अभी से ही मंथन करना शुरू कर दिया है.
मुखिया की मदद से जलस्रोत होंगे चिह्नित : जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह मुखिया की मदद से पंचायत में वैसे निजी जलश्रोतों की पहचान करें जहां से दमकल में पानी भरा जा सके. इससे दमकल को पानी भरने के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी. इसके अलावा फायर स्टेशन के नंबर का प्रचार-प्रसार करें. इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाएं, पुलिस, होमगार्ड और मुखिया के साथ ही अन्य जनप्रतिनिधियों की भी मदद लें. लोगों को बताया जाये कि आग से बचने के लिए क्या उपाय किये जाये. किस बातों का ख्याल रखना है और गर्मी के मौसम में बाहर खाना नहीं बनाने से लेकर खेत-खलिहान में किन बातों का ख्याल रखें. जिससे की आग लगने की घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके.
जिले में हर साल अगलगी से होता है करोड़ों का नुकसान
बक्सर जिले में मार्च से ही अगलगी की घटनाएं घटित होने लगती है. इससे प्रभावित चक्की, सिमरी तथा दियारा का इलाका होता है.इन जगहों पर अगलगी की घटनाएं सबसे ज्यादा घटित होती हैं. ऐसे जगहों पर बेहतर जलस्रोतों को चिह्नित करना है.जहां अगलगी की घटना होने पर अग्निशमन विभाग को ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़े.
ज्यादा से ज्यादा कराएं प्रचार-प्रसार
गर्मी के दिनों में अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए प्रचार प्रसार कराने का निर्देश दिया गया है. ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगे.मार्च से लेकर जून तक अगलगी की घटनाएं ज्यादा होती है.

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