बीमा भारती ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, RJD में हुईं शामिल

जदयू विधायक बीमा भारती ने शनिवार को जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी आलाकमान ने उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया है.

By Anand Shekhar | March 23, 2024 10:03 PM

बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न पार्टियों के नेताओं का दल बदलने का दौर जारी है. शनिवार की दोपहर रमेश कुशवाहा और उनकी पत्नी विजयालक्ष्मी कुशवाहा राष्ट्रीय लोक मोर्चा से अलग होकर जेडीयू में शामिल हो गये. वहीं शाम होते-होते पूर्व मंत्री और वरिष्ठ जेडीयू नेता बीमा भारती ने नीतीश कुमार की पार्टी से नाता तोड़ लिया. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद शाम में ही उन्होंने राजद की सदस्यता ले ली है.

बीमा भारती पर लगे थे पार्टी विरोधी गतिविधियों के लगे थे आरोप

बीमा भारती के जदयू से दिए गए इस्तीफे को पार्टी हाइकमान ने मंजूर कर लिया है. बताया जा रहा है कि बीमा भारती पिछले कई महीनों से राजद के संपर्क में थीं. हाल ही में विधानसभा सत्र और फ्लोर टेस्ट के दौरान भी बीमा भारती पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लगे थे. जांच के दौरान उनके पति अवधेश मंडल की गाड़ी से हथियार बरामद हुआ था. इस आरोप में उनके पति और बेटे को जेल भेजा गया था.

बीमा भारती ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, rjd में हुईं शामिल 2

बीमा भारती के राजद में शामिल होने की चर्चा

इसके साथ ही शाम में बीमा भारती ने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली है. तेजस्वी प्रसाद यादव ने बीमा भारती को राजद की सदस्यता दिलाई है. बदले राजनीतिक घटना क्रम में पप्पू यादव की पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की सीट उलझन में फंस गयी है. माना जा रहा है कि पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र से राजद बीमा भारती को अपना प्रत्याशी घोषित करेगी. इसको लेकर कांग्रेस में शामिल होनेवाले पप्पू यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि वह मर जायेंगे पर कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे. आगे लिखा है कि दुनिया छोड़ देंगे, पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे.

कौन हैं बीमा भारती ?

बीमा भारती पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के रूपौली विधानसभा से जेडीयू के टिकट पर विधायक हैं. वह साल 2000 में पहली बार विधायक बनीं. इस चुनाव में वो निर्दलीय उम्मीदवार खड़ी हुईं थी. इसके बाद उन्होंने 2005 का विधानसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा, इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद अक्टूबर 2005 में हुए मध्यावधि चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और फिर जेडीयू में शामिल हो गईं. तब से वह लगातार विधायक हैं. वह दो बार मंत्री भी रह चुकी हैं.

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