शहर में लोगों के घरों तक पहुंचेगी रसोई गैस
शहर में जल्द ही हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन बिछाने की पहल शुरू होने जा रही है. उम्मीद है कि अगले दो साल में शहर के हर घर तक गैस पाइपलाइन पहुंच जाएगी.
बिहारशरीफ. शहर में जल्द ही हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन बिछाने की पहल शुरू होने जा रही है. उम्मीद है कि अगले दो साल में शहर के हर घर तक गैस पाइपलाइन पहुंच जाएगी. सोमवार को नाला रोड गायत्री शक्तिपीठ के पास निर्माण एजेंसी के कर्मी गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए सर्व करते देखे गये. शहर के बगल वाले एनएच तक गैस पाइप लाइन पहुंच गया है. अब शहर की मुख्य-मुख्य गलियों और सड़कों का सर्वे के साथ नापी कार्य तेजी से चल रहा है. जिले के 72 गांवों के सैकड़ों एकड़ भूमि से होते हुए हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइप लाइन परियाजना अब शहर तक पहुंच गयी है. नालंदा आयुद्य फैक्ट्री, नालंदा विश्वविद्यालय और नालंदा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर होते हुए शहर के पास एनएच तक गैस पाइप लाइन पहुंच गया है. अब शहर के मुख्य-मुख्य सड़क व गलियों में नापी व सर्वे काम चल रहा है. सूत्र बताते हैं कि ओएनजीसी एवं अडानी कंपनी संयुक्त रूप हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइप लाइन परियोजना की जिम्मेवारी दी गई है. हालांकि निर्माण एजेंसी ने इसकी प्रशासनिक स्वीकृति के लिए अभी कागजी प्रक्रिया शुरू नहीं की है. शहर में गैस पाइप लाइन परियोजना का लाभ सबसे पहले चिन्हित और सुव्यवस्थित ढंग से बसे इलाकों एवं संस्थानों को मिलना है. जैसे जहां सड़कों की चौड़ाई और मानक अनुसार मकान व नाले का निर्माण हुआ हो, वहां सबसे पहले गैस पाइप लाइन बिछाने का काम किया जाएगा. इसके लिए निर्माण एजेंसी ने स्मार्ट सिटी परियोजना से निर्माणाधीन सड़क व गलियों को प्राथमिकता के रूप में सूचीबद्ध किया है. यह गैस पाइप लाइन गया जिले के डोभी होते हुए नालंदा जिले के बीस प्रखंडों में से नौ प्रखंडों से होकर गुजरेगी. सबसे ज्यादा बिहारशरीफ और राजगीर प्रखंड के 12-12 गांवों से होकर गैस पाइपलाइन गुजरेगी. इसके बाद अस्थावां के 11 और सरमेरा प्रखंड के छह गांव होते हुए पाइपलाइन आगे बढ़ेगी. वहीं सिलाव व एकंगरसराय प्रखंड के आठ-आठ गांव होते हुए गैस पाइप लाइन बेन प्रखंड के सात गांव व परबलपुर प्रखंड के दो गांव तथा हिलसा प्रखंड में प्रवेश कर जायेगा. यह गैस पाइप लाइन हिलसा प्रखंड के छह गांवों को पार करते हुए आगे निकल जायेगा. पांच साल लेट रह हल्दिया-जगदीशपुर गैस पाइपलाइन परियोजना- भारी-भरकम गैस सिलेंडर रखने, एडवांस बुकिंग का झंझट और गैस खत्म होने की चिंता समाप्त करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना शुरू की थी, अक्टूबर 2016 में सरकार ने 11000 करोड़ वाली प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना की घोषणा की थी, जिसे वर्ष 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसके बाद वर्ष 2020 तक पूरा करने का डेटलाइन कोरोना और बाढ़ के कारण फेल हो गया. जुलाई 2021 डेटलाइन भूमि अधिग्रहण की समस्याएं निष्पादन में निकल गयी. जहां-तहां गंगा उद्धम और फोर लेन निर्माण कार्य के कारण भी गैस पाइप लाइन का कार्य कुछ अवरूद्ध हुआ. फिर निर्माण एजेंसी गेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अतिरिक्त अन्य एजेंसियों को जोड़ा गया. तब से प्रशासन तक मासिक प्रगति रिपोर्ट की फाइल भी नहीं पहुंच रही है. वर्तमान में लिविक्फाइड नेचुरल गैस स्टेशन निर्माण और प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा तक बंद हो गयी है.
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