बरबीघा के साठ साल पुराने कोल्ड स्टोरेज में लगी आग, लाखों का नुकसान

नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के मिशन चौक के पास स्थित 60 साल पुराने एक कोल्ड स्टोरेज में सोमवार की रात्रि अचानक आग लग जाने से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गयी.

By Prabhat Khabar | April 30, 2024 9:41 PM

बरबीघा.

नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के मिशन चौक के पास स्थित 60 साल पुराने एक कोल्ड स्टोरेज में सोमवार की रात्रि अचानक आग लग जाने से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गयी. आग की लपटे इतनी ऊंची और भयंकर उठ रही थी कि इसे दो किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था. इस घटना में इमारती लकड़ी, इलेक्ट्रॉनिक के उपकरण, सहित अन्य सामान जलकर पूरी तरह खाक हो गया. मंगलवार की सुबह आग पर काबू पाने के लिए शेखपुरा जिले के साथ-साथ निकटवर्ती नालंदा और नवादा जिले के कई थाने से दमकल की बड़ी-बड़ी गाड़ियां बुलायी गयी. करीब चार पांच घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. घटना को लेकर कोल्ड स्टोरेज के बगल के घर में छत पर सोए कुछ लोगों ने बताया कि अचानक रात्रि में 3:00 बजे के आसपास तेज गर्मी जैसा महसूस होने लगी. नींद खुली तो आज की भयंकर उठती लपटें देख कर सभी के होश उड़ गये. आग लगने की खबर पूरे बरबीघा शहर में फैल गयी. सुबह होते-होते वहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गये. स्थानीय लोगों ने बताया कि आग लगने के कारण उठी तेज गर्मी की वजह से बगल के छत पर लगे पानी का टंकी भी पिघलने लगा था. यही नहीं कोल्ड स्टोरेज के ऊपर लगाया गया लोहे का करकट भी पिघल-पिघल कर गिर गया.

1963 में बना था कोल्ड स्टोरेज :

बरबीघा में बनाये गये कोल्ड स्टोरेज का निर्माण 1963 में मुंगेर के तत्कालीन जमींदार कृष्णा प्रसाद और बरबीघा के मालदह गांव निवासी (पूर्व बरबीघा प्रखंड प्रमुख) तथा दिग्गज कांग्रेसी नेता नरेश प्रसाद सिंह द्वारा बनवाया गया था. निर्माण होने के बाद वर्ष 2002 तक यह किसानों के लिए अनवरत सेवा देता रहा. कोल्ड स्टोरेज के तत्कालीन मैनेजर और वर्तमान में केयरटेकर छेमा गांव निवासी बनारसी सिंह ने बताया कि यहां पचास हजार मन आलू के बीज रखने की सुविधा थी. कई जिलों के किसान आलू के बीज के रखने के लिए यहां पहुंचते थे. 1963 में किसानों से ₹10 प्रति क्विंटल भाड़ा लिया जाता था जो 2002 में बंद होने से पहले ₹250 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था.

इमारती लकड़ी से बना हुआ था रैक :

बनारसी सिंह ने बताया कि 1963 में जिस समय कोल्ड स्टोरेज का निर्माण हो रहा था उस समय आसपास एक भी चिमनी भट्ठा नहीं था. पटना से बैलगाड़ी पर ईंट मंगा कर इसका निर्माण करवाया गया था. वहीं अंदर में लोहे के खंभे और सखुआ के लकड़ी से रैक बनाया गया था. उस समय जिला मुंगेर, लखीसराय शेखपुरा, जमुई, नालंदा, नवादा आदि कई जिलों से लोग आलू का बीज रखने के लिए पहुंचते थे. यहीं नहीं बड़े शहरों के व्यापारी फल को सुरक्षित रखने के लिए इसी कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल करते थे. लेकिन वर्ष 2002 में दोनों पार्टनर के बीच आपसी खींचतान और संपत्ति विवाद को लेकर कोल्ड स्टोरेज को बंद कर दिया गया.

आग लगने के कारणों का नहीं चल सका पता :

बनारसी सिंह ने बताया कि सुबह 3:00 बजे लोगों का शोर सुनकर जब उनकी नींद खुली तो कोल्ड स्टोरेज में आग लगा देखकर दंग रह गये. तुरंत उन्होंने थाना और दमकल को सूचना दिया. उन्होंने बताया कि कोल्ड स्टोरेज के अंदर करोड़ों रुपए की इमारती लकड़ी के साथ-साथ अन्य उपकरण जलकर राख हो गया है. गर्मी के कारण दीवारें फट गयी जो कभी भी गिर सकती है. मामले को लेकर मिशन थाना अध्यक्ष बालमुकुंद राय ने बताया कि कोल्ड स्टोरेज के सह निदेशक और मालदह गांव निवासी स्वर्गीय नाम रामनरेश सिंह के बेटे अनिल सिंह द्वारा थाने में आवेदन दिया गया है. पुलिस आग लगने के कारणों का पता लगाकर उचित कार्रवाई करेगी.

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