बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है. बताया जा रहा है कि राजधानी पटना से सूबे के 25 जिलों में भेजी गयी 6.60 लाख बच्चों की किताबें बीच राह में ही गायब हो गयी हैं. बीएसटीबीपीसी यानी बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक पब्लिकेशन कॉरपोरेशन ने अब तक सभी जिलों को 86 लाख 89 हजार 643 सेट किताबें भेजी हैं, जबकि जिलों से विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार 80 लाख 29 हजार 625 सेट किताबें मिली हैं. दोनों के आकड़ों में 5.16 प्रतिशत का अंतर है. सबसे अधिक बांका में 21.58 प्रतिशत किताबें मिसिंग हैं, जबकि औरंगाबाद में 20 सेट अधिक किताब मिलने की रिपोर्ट है. खास बात यह है कि पटना में ही 82789 यानि 12.62 प्रतिशत का अंतर मिला है. वहीं मुजफ्फरपुर के 29575 बच्चों की किताबें गायब हो गयी हैं. वहीं, 12 जिलों में दोनों का आकड़ा बराबर है.
दो महीने में लक्ष्य के 62.80% किताबें ही भेजी
विभाग ने इस साल पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पैसे के बदले सीधे किताब देने का निर्णय लिया और इसकी जिम्मेदारी बीएसटीबीपीसी को दी गयी. 15 अप्रैल तक डिमांड के 70 प्रतिशत की आपूर्ति करनी थी. सभी जिलों से एक करोड़ 82 लाख 65 हजार 344 सेट किताबों की डिमांड भेजी गयी थी, जिसमें 70 प्रतिशत के हिसाब से एक करोड़ 27 लाख 86 हजार 437 सेट किताबें भेजनी थी. 22 मई को जारी रिपोर्ट के अनुसार सभी जिलों को लक्ष्य से 37.20 प्रतिशत कम किताबें ही मिली है. इसमें मुजफ्फरपुर में 54.98 प्रतिशत किताबें ही मिल सकी है. जिले से आठ लाख 27 हजार 48 बच्चों के लिए डिमांड भेजी गयी थी, जिसमें पहले चरण में पांच लाख 78 हजार 950 किताबें मिलनी थीं. विभाग के अनुसार अभी तीन लाख 18 हजार 301 सेट किताबें ही मिली है.
जिलेवार गायब किताबें
बांका-53258
सीतामढ़ी-82789
पटना-60290
समस्तीपुर-64739
बेगूसराय-43503
पूर्णिया-48303
दरभंगा-42403
पूर्वी चंपारण-62659
किशनगंज-22159
जमुई-17791
रोहतास-20311
पश्चिमी चंपारण-25967
मुजफ्फरपुर-29575
गोपालगंज-11158
खगड़िया-9082
बक्सर-6001
सारण-13646
कटिहार-10730
वैशाली-10613
अररिया-9521
भागलपुर-8338
नालंदा-4148
सीवान-2727
नवादा-325
कैमूर-12
रिपोर्ट: धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर