आपदा. जिले की 279 गर्भवती अब भी बाढ़ग्रस्त गांवों व राहत शिविरों में
ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू
डीएम ने आरा प्रखंड के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का लिया जायजा
बाढ़पीड़ितों को अनुग्रह अनुदान के रूप में मिलेगी छह हजार नकद राशि
राहत कैंप रहेगा कार्यरत, बाढ़ के पानी उतरने के बाद लोग घरों की ओर कर सकते हैं रूख
एसडीओ ने लगभग ढाई दर्जन कर्मियों से पूछा स्पष्टीकरण
बाढ़ग्रस्त गांवों के लोगों का दर्द अब भी नहीं हुआ है कम
तिरपाल और राहत सामग्री को लेकर अब भी लोग कर रहे हैं मारामारी
आरा : गंगा का जल स्तर बड़हरा में 53.70 मीटर पर पहुंचने के साथ ही बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है. फिर भी उनके सामने अभी कई परेशानियां हैं. अभी भी लोगों को डायरिया और महामारी जैसी बीमारी का भय सता रहा है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया जा रहा है.
बखोरापुर पंचायत के सब्बलपुर, पैगा, दूबे छपरा, बखोरापुर, हाजीपुर गांवों में पानी कम होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया है. यह कोई आरोप नहीं बल्कि सच्चाई है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस पंचायत के सरपंच शत्रुघ्न सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने साफ तौर पर कहां कि यहां न कोई चिकित्सक आ रहे हैं और न ही अब तक इन गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू हुआ है. यही हाल कमोबेश कई पंचायत और गांवों की है. लेकिन, इधर जिला प्रशासन का दवा है कि प्रशासनिक दबिश के कारण क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव शुरू हो गया है. जिन पंचायतों और गांवों में बाढ़ का पानी उतर गया है,
उन गांवों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है. 20 प्रतिशत ऐसे गांव हैं, जहां ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा चुका है.
बाढ़पीड़ितों को मिलेंगे नकद अनुदान के रूप में छह हजार : जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि बाढ़पीड़ितों को नकद अनुदान के रूप में छह हजार रुपये दिये जायेंगे. इसको लेकर एक-दो दिनों के बाद विस्तृत सर्वें का कार्य शुरू किया जायेगा. सर्वे के पश्चात 10- 15 दिनों के अंदर सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को नकद अनुग्रह अनुदान की राशि और फसल क्षति मद की राशि एक साथ बैंक खाते में आरटीजीएस कर दी जायेगी.
राहत शिविर में चलता रहेगा लंगर : जिला प्रशासन राहत शिविर में फिलहाल लंगर चलायेगा. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के जो परिवार बाढ़ के पानी गांव से समाप्त होने के बाद भी राहत शिविर में रहना चाहें, तो वे रह सकते हैं. लेकिन, जो परिवार बाढ़ का पानी समाप्त होने के बाद अपना घर जाना चाहें, वे जा सकते हैं. क्योंकि एक-दो दिनों के बाद से शुरू होने वाले सर्वे कार्य के दौरान बाढ़पीड़ित अपने घर पर नहीं रहेंगे, वैसे में सही ढंग से सर्वे नहीं हो पायेगा. ऐसे में बाढ़पीड़ित पानी घटने के साथ ही अपने-अपने घर का रूख कर सकते हैं.
एसडीओ ने कर्मियों से पूछा स्पष्टीकरण : अनुमंडलाधिकारी सदर नवदीप शुक्ला ने बाढ़ त्रासदी के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर आरा, कोइलवर और बड़हरा प्रखंड के करीब ढाई दर्जन कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की है. एसडीओ ने कोइलवर के बीइओ राकेश कुमार चौधरी, बीसीओ कृष्णा प्रसाद, राजस्व कर्मचारी देव कुमार सिंह, महेश प्रसाद, आशुतोष कुमार, विजय पंडित, हरेंद्र कुमार सिंह, कमल दयाल, बड़हरा के सीओ, कृषि अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी सुबोध कुमार, विकास गुप्ता, दीनानाथ प्रसाद, रवि कुमार, भोला कुमार, आरा प्रखंड के विद्यालय निरीक्षक अरुण प्रकाश, सुमन कुमार, संतोष कुमार सहित करीब ढाई दर्जन कर्मियों से स्पष्टीकरण की मांग की है.
डीएम ने आरा प्रखंड के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया दौरा : जिलाधिकारी डॉ वीरेंद्र प्रसाद यादव ने आरा प्रखंड के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर जायजा लिया. इस दौरान राहत शिविरों में बाढ़पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे लंगर का भी जायजा लिया. साथ ही राहत शिविरों में लगाये गये कर्मियों को आवश्यक निर्देश दिया.
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 279 गर्भवती महिलाएं : बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के गांवों में अब भी 279 महिलाएं हैं. इन सभी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में लाने की तैयारी चल रही है. बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन लगा हुआ है.
सोन का जल स्तर हुआ 53.35 मीटर : मंगलवार को सोन और गंगा के जल स्तर में गिरावट का दौर जारी रहा. सोन का जल स्तर कोइलवर में 53.35 मीटर, जबकि गंगा का जल स्तर बड़हरा में 53.70 मीटर रिकॉर्ड किया गया.