परेशानी. पैदल आने-जाने में ग्रामीणों को हो रही दिक्कत
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देकुड़ा-बराड़ सड़क पर जानलेवा बना गड्ढा
परेशानी. पैदल आने-जाने में ग्रामीणों को हो रही दिक्कत चरपोखरी : प्रखंड के बराड़ गांव जानेवाली सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. सड़क पर वाहनों का आवागमन तो बाधित हो ही गया है, साथ ही पैदल आने-जानेवाले ग्रामीणों को भी बहुत परेशानी होती है. एक ओर जहां सरकार उच्च पथों से जोड़े जाने वाले सभी […]
चरपोखरी : प्रखंड के बराड़ गांव जानेवाली सड़क की स्थिति काफी जर्जर है. सड़क पर वाहनों का आवागमन तो बाधित हो ही गया है, साथ ही पैदल आने-जानेवाले ग्रामीणों को भी बहुत परेशानी होती है. एक ओर जहां सरकार उच्च पथों से जोड़े जाने वाले सभी लिंक पथों को चकाचक करने की बातें करती है, वहीं स्टेट हाइवे 12 से जोड़ने वाला देकुड़ा-बराड़ पथ की स्थिति काफी खराब है. बाकी कसर लगातार हो रही बारिश पूरी कर देती है.
इस पथ पर बने सैकड़ों गड्ढे ने बड़े नाले का रूप ले लिया है, जिसमें बारिश का पानी जमा रहता है. इससे इस पथ से गुजरने वाले छोटे चारपहिया व दोपहिया वाहनों के साथ हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है. हाल ही में चरपोखरी से बराड़ रोगी को लेकर जा रहे सुशील पांडेय की गाड़ी गड्ढे में जा फंसी, जिससे वे वहीं गिर पड़े और जख्मी हो गये. सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है.
कुप्रभावित गांवों की सूची : देकुड़ा बराड़ पथ पर महावीर गंज, एकौनी, बराड़ टोला, कोयल, ढेंड़ा, इंग्लिश टोला व लिंक पथ पर कंकड़ और बड़े- बड़े गड्ढे देखे जा सकते हैं.
तीन किलोमीटर की दूरी तय करने में आधा घंटा : मालूम हो कि देकुड़ा से बराड़ तक तीन किलोमीटर के सफर में आधा घंटा का समय लगता है. अगर जल्दबाजी होगी, तो दुर्घटना हो जायेगी. हर रोज इन गांवों के हजारों लोग प्रखंड मुख्यालय में विभिन्न कार्यों के लिए आते हैं और सभी को परेशानी का सामना करना पड़ता है. देकुड़ा से लेकर बराड़ तक इस समस्या के बारे में जब लोगों से पूछा गया, तो सभी ने एक ही बात कही कि अगिआंव विधानसभा क्षेत्र के विधायक हों या स्थानीय जनप्रतिनिधि सब एक-दूसरे पर समस्या टाल कर क्षेत्र के विकास से पल्ला झाड़ लेते हैं. लोगों की मानें, तो सांसद से लेकर स्थानीय प्रतिनिधियों को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है.
देकुड़ा से बराड़ तक सड़कों का हाल खराब है. क्षेत्र के विधायक से सड़क बनाने की मांग की गयी है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. इससे आये दिन हादसे होते रहते हैं.
अमित सिंह, बराड़ टोला
गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क की स्थिति जर्जर है. ग्रामीणों को गांव जाने में बहुत फजीहत झेलनी पड़ती है, फिर भी इसे दुरुस्त कराने की कोई पहल नहीं की गयी.
छोटू शर्मा, बराड़
रात के समय इस रास्ते से जाना काफी मुश्किल है. अगर कोई जाता भी है, तो दुर्घटना को आमंत्रित करता है. रास्ते पर कंकड़ इतने हैं कि पैदल चलने पर भी पांव छिल जाता है.
पवन सुत, बराड़
सड़कों पर गड्ढे के कारण लोगों में भय बना रहता है और उसमें पानी जमा होने से वाहनों को आने-जाने में कठिनाई होती है.
सुशील पांडेय, बराड़
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