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रेल प्रबंधन सजग, ट्राइ बार का होगा कायाकल्प

लाखों रुपये की लागत से आरा रेलवे स्टेशन पर जल्द होगा कार्य शुरू आरा : वर्ष 2015 में आरा रेलवे स्टेशन की पश्चिमी गुमटी के समीप हुए हादसे के बाद हुए बवाल से भले ही रेल प्रशासन पूरी तरह सजग नहीं था, लेकिन इस बार पटना जिले के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जिस तरह की […]

लाखों रुपये की लागत से आरा रेलवे स्टेशन पर जल्द होगा कार्य शुरू

आरा : वर्ष 2015 में आरा रेलवे स्टेशन की पश्चिमी गुमटी के समीप हुए हादसे के बाद हुए बवाल से भले ही रेल प्रशासन पूरी तरह सजग नहीं था, लेकिन इस बार पटना जिले के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जिस तरह की घटना घटी. उससे स्थानीय रेल प्रशासन के होश उड़ गये. आरा रेल प्रबंधन हादसे से इतना डरा हुआ है कि तत्काल एक बैठक बुलाकर रेलवे ट्रैक के बीचो-बीच बने ट्राइ बार का कायाकल्प करने की योजना बनाने पर मोहर लगा दी है.
पूर्वी गुमटी से लेकर पश्चिमी गुमटी के बीच ट्राइ बार की जरूरत : स्थानीय रेलवे स्टेशन की पूर्वी गुमटी की केबिन से लेकर पश्चिमी गुमटी तक ट्राइ बार लगाने की जरूरत है ताकि थ्रू गाड़ी भी पार करे, तो कोई दुर्घटना न हो. आये दिन थ्रू गाड़ी की चपेट में आने से लोगों की मौत हो रही है. यदि ट्राइ बार लग जायेगा, तो इस पर रोक लगेगी. फिलहाल स्थानीय स्टेशन पर ट्राइ बार कुछ दूर लगाया गया है.
हादसे के बाद भी नहीं लेते हैं लोग सबक : बिना ट्राइ बार के रेलवे ट्रैक पार करते समय आरा रेलवे स्टेशन पर कई लोग ट्रेन की चपेट में आ चुके हैं, फिर भी वह हादसों से सबक नहीं लेते हैं. आरा रेलवे स्टेशन पर ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया है लेकिन 365 दिनों में सिर्फ दो या तीन बार ही जल्दीबाजी के कारण लोग रेलवे ट्रैक को पार करने लगते हैं. जबकि आने- जाने का रास्ता सीढ़ियों के माध्यम से रेलवे स्टेशन पर बना रहता है. इसके बावजूद यात्री रेलवे लाइन क्रॉस कर ही आते- जाते हैं. इसके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
गत वर्ष पश्चिमी गुमटी पर मचा था बवाल : गत वर्ष आरा रेलवे स्टेशन की पश्चिमी गुमटी पर ट्राइ बार नहीं होने की वजह से एक हॉस्टल में रहनेवाले युवक की मौत ट्रेन से कट कर हो गयी थी. इसके बाद ओवरब्रिज की दोनों तरफ हॉस्टल तथा प्राइवेट मकान में रह रहे छात्रों ने ईंट- पत्थर चलाया था और फायरिंग की घटना को भी अंजाम दिया गया था. रोड़ेबाजी से कई पुलिसवालों को भी चोट लगी थी और वे गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. उस वक्त भी आरा रेलवे स्टेशन पर ट्राइ बार लगाने की योजना बनी थी, लेकिन यह नहीं हो सका था. एक सप्ताह पूर्व राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जैसे ही यह घटना घटी प्रशासन की नींद उड़ गयी. आनन- फानन में ट्राइ बार लगाने का निर्णय लिया गया है.
क्या कहते है स्टेशन प्रबंधक
रेलवे द्वारा दुर्घटना पर विराम लगाने को ले ट्राइ बार लगायेगा. उन्होंने कहा कि लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. इस प्लेटफॉर्म से उस प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए सीढ़ी का सहारा लें.
एसएन पाठक, स्टेशन प्रबंधक
क्या कहते हैं लोग
डीएम कोठी निवासी अमर कुमार का कहना है कि प्रशासन यदि ट्राइ बार लगाता है तो यह अच्छी पहल होगी, क्योंकि इससे जान माल का नुकसान नहीं होगा. वहीं व्यवसायी बबलू सिंह का कहना है कि सरकार को पहले ही इस पर ध्यान देना चाहिए था. वहीं मीरगंज निवासी प्रेम पंकज उर्फ ललन का कहना है या एक सराहनीय कदम है. क्लब रोड निवासी अमरेंद्र शुक्रवार का कहना है कि ट्राइ बार लगने के बाद घटनाओं पर विराम लगेगा.
यह अच्छी पहल है रेलवे द्वारा. स्थानीय निवासी मिंटू सिंह ने कहा कि जिस तरह गोरखपुर में जीएम ने कार्रवाई की थी उसी तर्ज पर यहां कार्रवाई हो चाहे वह रेलवे के अधिकारी ही क्यों न हो तो ट्रैक पार करनेवाले ऐसा करने से सौ बार सोचेंगे. बता दें कि इसी वर्ष 24 फरवरी को गोरखपुर के जीएम राजीव मिश्रा गोरखपुर छपरा रेल प्रखंड पर पड़नेवाले समपार फाटक, पुल और स्टेशनों का निरीक्षण करने निकले थे. जीएम के निरीक्षण के दौरान ही रेल ट्रैक पार कर लघुशंका कर रहे एसएस पर नजर पड़ी.
ट्राइ बार पर होगा 70 लाख खर्च
दानापुर रेल मंडल के आरा रेलवे स्टेशन पर ट्राइ बार लगाने की योजना लगातार चल रही है. इस कार्य में 70 लाख से ज्यादा की रकम खर्च होगी. योजना को अंतिम रूप देने की प्रकिया जारी है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो दो माह के अंदर ट्राइ बार लग जायेगा. इसके लगते ही ट्रेन से कटने की घटनाओं पर ब्रेक लग जायेगी.

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