आरा़ : सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई. अस्पताल में न सूई थी और न दवा हालात ऐसे थे कि युवक को ऑक्सीजन के लिए तड़पना पड़ा. दवा बाहर से आयी, सूई बाहर से आयी, ऑक्सीजन खत्म और युवक की सांस खुद टूटने लगी. जख्मी बार-बार चिल्लाता रहा ऑक्सीजन दो,
ऑक्सीजन दो. बगल के कमरे में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉक्टर केएन सिन्हा दौड़ कर पहुंचे और वहां तैनात कर्मियों को डांट पिलाते हुए कहा कि, कहीं से भी ऑक्सीजन व्यवस्था करो. मरीज की हालत और खराब होने लगी, तब लगा कि इसकी सांस टूट जायेगी. तभी उसके पिता जयंत दूबे पहुंचे और मददगारों के कहने पर तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था की और जख्मी केशव दुबे को ऑक्सीजन लगा कर पटना ले कर चले गये.