कैसे रोका जा सकता है कोरोना वायरस का संक्रमण, जानिए डॉ हेमशंकर शर्मा की सलाह…

लोगों के मन में इस संक्रमित बीमारी कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां भी आ रही हैं. घर बैठे लोगों को गले में खराश भी आती है तो मन में कई आशंकाएं चलने लगती हैं.

By Radheshyam Kushwaha | March 29, 2020 9:26 AM

भागलपुर. बिहार में कोरोना वायरस फैलने से लोग दहशत में है. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या जैसे-जैसे पूरी दुनियां में बढ़ती जा रही है, लोगों के मन में इस संक्रमित बीमारी कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां भी आ रही हैं. घर बैठे लोगों को गले में खराश भी आती है तो मन में कई आशंकाएं चलने लगती हैं. लोगों के मन में उठ रहे हर तरह के सवालों के जवाब के लिये प्रभात खबर ने शनिवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीजी मेडिसीन विभाग के एसोसिएशन प्रोफ्रेसर व मायागंज अस्पताल में बने कोरोना आइसोलेशन वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ हेमशंकर शर्मा ने इस विषय पर बातचीत की. डॉ शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिये इलाज से ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने सामाजिक संगठनों व आमलोगों से गरीबों को हर संभव मदद करने की अपील की.

कैसे फैलता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद इसका वायरस मैग्नेट की तरह दूसरे व्यक्ति से चिपक जाता है. वहीं, किसी कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों से बात करने पर उसका मुंह से निकले पानी की बूंद (ड्रॉपलेट) के कारण आपके शरीर में वायरस संक्रमित होता है. बातचीत के दौरान लोगों से दूरी बनाकर रखें. मुंह पर मास्क जरूर लगाकर रखें. वायरस का वजन भारी होने के कारण यह हवा से नीचे गिरता है. चादर व अन्य दूसरी खुरदुरी सतह पर इसका जीवन आठ घंटे तक रहता है. वही शीशा जैसे चिकनी सतह या प्लास्टिक पर यह दो से तीन दिन तक जीवित रहता है.

क्या बुखार, सर्दी या खांसी होना कोरोना संक्रमण है

डॉ हेमशंकर शर्मा ने बताया कि मायागंज अस्पताल में बने आइसोलेशन वार्ड में जांच कराने पहुंच रहे 90 प्रतिशत लोग दहशत में है. रोजाना एक से सवा सौ लोग कोरोना का टेस्ट कराने आ रहे है. इनमें से एक भी व्यक्ति में अबतक कोरोना के लक्षण नहीं पाए गये है. इस समय सिजनल बुखार, सर्दी और खांसी का भी मौसम है. ऐसे में हर तरह के बुखार-सर्दी को कोरोना का प्रभाव नहीं कहा जा सकता है. सबसे बेहतर उपाय है कि डॉक्टर से मिलकर सलाह लें. अगर जरूरी हो तो पैरासीटामोल प्रतिदिन तीन से चार बार ले सकते है. लेकिन इसका ख्याल रखना है कि मरीज अपनी उम्र और वजन के हिसाब से दवा का डोज लें.

कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें

डॉ हेमशंकर शर्मा ने बताया कि घर व बाहर लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर खड़ा रहना है. किसी से बातचीत करें तो मुंह पर मास्क लगाकर करें. लोगों से हाथ नहीं मिलाएं. घर में घुसने से पहले आधा मिनट तक हाथ को साबुन से रगड़ कर धोना है. कहीं बाहर से आएं तो दरवाजा को हाथ की बजाय अपनी कोहुनी से खोले. घर पर भी अपने आप को सुरिक्षत रखें, पांच से अधिक लोग एक साथ नहीं बैठे. बच्चों को गोद में लेने से पहले हाथ में सैनिटाइजर जरूर लगाएं. शरीर के अन्य हिस्से को संक्रमण से बचाने के लिये कपड़ा पहनें.

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