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भागलपुर में खुलेगा निगरानी थाना, दर्ज होगी भ्रष्टों को पकड़वाने की प्राथमिकी, जानिये थाने से जुड़ेंगे कौन-कौन से जिले

भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति, रिश्वतखोरी या सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार संबंधी प्राथमिकी भागलपुर व मुजफ्फरपुर में भी दर्ज की जा सकेगी.

संजीव,भागलपुर. भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति, रिश्वतखोरी या सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार संबंधी प्राथमिकी भागलपुर व मुजफ्फरपुर में भी दर्ज की जा सकेगी.

सूबे के इन दोनों जिलों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का थाना खोलने का निर्णय विभाग ने लिया है. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. थाना खुलने के बाद आम लोग इस थाने में भ्रष्टाचार के खिलाफ न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे, बल्कि उसके आधार पर कार्रवाई भी होगी.

अब तक सिर्फ पटना में है निगरानी थाना

सूबे में पटना, भागलपुर व मुजफ्फरपुर में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का कार्यालय है, जिसमें पटना स्थित कार्यालय सूबे का मुख्यालय है. इनमें अब तक सिर्फ पटना के छह, सर्कुलर रोड पर स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो परिसर में थाना अवस्थित है.

आम लोगों को समय की होगी बचत

भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी जैसे मामलों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में अभी भी प्राथमिकी दर्ज हो रही है. लेकिन इसके लिए संबंधित लोगों को पटना निगरानी थाना से संपर्क करना पड़ता है. इसके लिए उन्हें पटना जाने की जरूरत पड़ती है. लेकिन भागलपुर में थाना खुल जाने के बाद भागलपुर व आसपास के जिलों के लोगों का काम इसी थाने से होगा.

कंबाइंड बिल्डिंग में हो रही तैयारी

भागलपुर नगर निगम कार्यालय के सामने कंबाइंड बिल्डिंग में शुरू से ही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो का कार्यालय है. इसी बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर थाने के लिए एक हॉल लिया गया है. इसमें अधिकारियों का चैंबर, कर्मियों का कार्यालय, काउंटर आदि का निर्माण भी हो चुका है. हाजत के लिए फिलहाल जगह छोड़ दी गयी है. इसका भी निर्माण होगा.

अभी गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त को ले जाना पड़ता है पटना

वर्तमान स्थिति यह है कि निगरानी कार्यालय में शिकायत के बाद निगरानी के कर्मी पहले मामले का सत्यापन करते हैं. मामला सही पाये जाने पर रेड टीम का गठन होता है और फिर रेड किया जाता है.

अभियुक्त की गिरफ्तारी के बाद उसे पटना कार्यालय ले जाया जाता है. इसके बाद भागलपुर निगरानी कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत के आदेश पर आगे की कार्रवाई होती है. लेकिन भागलपुर में निगरानी थाना खुलने के बाद उक्त सारे कार्य भागलपुर में ही होंगे. भागलपुर निगरानी कार्यालय में एसपी पद पहले से सृजित है और थाना खुलने के बाद यहां एसपी समेत अन्य सारे पदों को भरे जायेंगे.

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, भागलपुर प्रक्षेत्र के डीएसपी एसके सरोज ने कहा कि मुख्यालय से जानकारी मिल चुकी है कि भागलपुर में निगरानी का थाना बनेगा. इसी के मद्देनजर कंबाइंड बिल्डिंग में एक हॉल में सारी तैयारी की जा रही है. थाना खुलने के बाद यहीं पर एफआइआर नंबर भी जेनरेट होगा. प्राथमिकी पर निगरानी थाना, भागलपुर लिखा जायेगा.

भागलपुर निगरानी थाने से जुड़ेंगे ये जिले

भागलपुर, बांका, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, मुंगेर, खगड़िया, बेगूसराय, शेखपुरा, लखीसराय और जमुई.

Posted by Ashish Jha

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