बिहार: भागलपुर डाक विभाग रेलवे के साथ मिल कर अबतक डोर-टू-डोट पार्सल सेवा शुरू नहीं कर सका है. जबकि, यह निर्णय डेढ़ साल पहले की है. जबकि, डाक विभाग और रेलवे के अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुई. मार्केट सर्वे करने तक का निर्णय हुआ था. बताया जा रहा है कि अधिकारियों के तबादले का असर इस योजना पर पड़ा है. यह योजना स्लो ट्रैक पर चली गयी है. ग्राहकों को डोर-टू-डोर पार्सल सेवा प्रदान करके यह सेवा पार्सल के परिवहन में गेम-चेंजर हो सकती है. इस संबंध में डाक अधीक्षक प्रभाकर प्रसाद वर्मा से बात करने की कोशिश की गयी मगर, उनसे बात नहीं हो सकी.
जानें, क्या है योजना
डाक विभाग को डोर-टू-डोर पार्सल की बुकिंग करना है और पार्सल को रेलवे तक पहुंचाना है. डाक विभाग के माध्यम से रेलवे तक आनेवाले पार्सल को गतंव्य के निकटतम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन के माध्यम से पहूंचाया जाना है. फिर वहां से पार्सल को नजदीकी डाकघर तक पहुंचाया जाना है. जहां से पार्सल लेकर डोर-टू-डोर डिलीवरी करना है. बाहर से आनेवाले पार्सल को रेलवे से कलेक्ट करना है और उसे डोर-टू-डोर डिलीवरी करना है.
डोर-टू-डोर पार्सल सेवा से कारोबारियों को होती सहूलियत
डाक विभाग और रेलवे की ज्वाइंट डोर-टू-डोर पार्सल सेवा शुरू हुई रहती, तो इससे कारोबारियों को बहुत सहूलियत होती. भागलपुर के आसपास के जिले से बड़े पैमाने पर खरीदार आने से बिक्री काफी ज्यादा होती है तो थोक सामग्रियां बाहर से रेलवे व ट्रांसपोर्ट से ही आती हैं. कारोबारियों को अपने माल लेने के लिए रेलवे स्टेशन जाना पड़ता है या ट्रांसपोर्ट के दफ्तर में. खरीदार को भी माल ले जाने के लिए बुकिंग करनी पड़ती है. इससे ग्राहकों व कारोबारियों को भाग-दौड़ करनी पड़ती है. अगर डाक विभाग और रेलवे की ज्वाइंट डोर-टू-डोर पार्सल सेवा शुरू हो जाती है तो कारोबारियों को भाग दौड़ से राहत मिल जाती, समय की भी बचत होती.