प्रभात खबर पड़ताल: कंपकंपाने वाली ठंड हो गयी शुरू लेकिन नगर निगम की नहीं खुली नींद, भागलपुर में रैन बसेरा रहने लायक नहीं

कंपकंपानेवाली ठंड शुरू हो गयी है. लेकिन भागलपुर नगर निगम ने शहर के रैन बसेरा को अब तक रहने लायक नहीं बनाया है. गरीब व जरूरतमंदों के लिए बनाये गये रैन बसेरा पर या तो स्थानीय लोगों का कब्जा है या फिर केयर टेकर के अभाव में यह बंद रहता है. मंगलवार को प्रभात खबर की टीम ने शहर के कुछ रैन बसेरा की पड़ताल की. कई की हालत बदतर है. इतना ही नहीं कुछ रैन बसेरा की छत इतनी जर्जर है कि कभी भी गिर सकती है. किसी रैन बसेरा में महीनों से सफाई नहीं की गयी थी. किसी का ताला भी नहीं खुला था. बेसहारा व गरीब सड़क पर सोने को मजबूर हैं.

By Prabhat Khabar | November 25, 2020 11:21 AM

कंपकंपानेवाली ठंड शुरू हो गयी है. लेकिन भागलपुर नगर निगम ने शहर के रैन बसेरा को अब तक रहने लायक नहीं बनाया है. गरीब व जरूरतमंदों के लिए बनाये गये रैन बसेरा पर या तो स्थानीय लोगों का कब्जा है या फिर केयर टेकर के अभाव में यह बंद रहता है. मंगलवार को प्रभात खबर की टीम ने शहर के कुछ रैन बसेरा की पड़ताल की. कई की हालत बदतर है. इतना ही नहीं कुछ रैन बसेरा की छत इतनी जर्जर है कि कभी भी गिर सकती है. किसी रैन बसेरा में महीनों से सफाई नहीं की गयी थी. किसी का ताला भी नहीं खुला था. बेसहारा व गरीब सड़क पर सोने को मजबूर हैं.

कोतवाली चौक रैन बसेरा का केयरटेकर गायब, नहीं है कोई तैयारी

कोतवाली थाना के निकट एक रैन बसेरा में पहुंचने के बाद यहां पर संचालक नजर नहीं आया. रैन बसेरा में ताला लटका हुआ था. रैन बसेरा में केवल चारपायी रखी हुई थी. कई दिनों से सफाई नहीं हुई थी. इससे धूल की परत जम गयी थी. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है. असामाजिक तत्व गांजा व सिगरेट पीते हैं. डर से कोई कुछ नहीं कह पाता है, जबकि समीप में कोतवाली थाना भी है. साथ ही बताया कि यहां पर लोगों को कब ठहराया गया है, उन्हें याद नहीं.

घंटाघर समीप रैनबसेरा का छत जर्जर

घंटाघर समीप राधारानी सिन्हा रोड स्थित रैन बसेरा का भवन इतना जर्जर है कि छत कभी भी गिर सकता है. रैन बसेरा में लगा हुआ बेड अस्त-व्यस्त था. यहां भी कोई भी संचालक नजर नहीं आया. मायागंज अस्पताल के सामने का रैन बसेरा की स्थिति सबसे खराब है. यह तो पूरी तरह से कबाड़खाना बन गया है.

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बरारी रोड व बड़ी खंजरपुर में रैन बसेरा दिखा तैयार

बरारी स्थित बुनकर सेवा केंद्र समीप स्थित रैन बसेरा व बड़ी खंजरपुर बड़ गाछ चौक समीप रैन बसेरा की हालत अन्य रैन बसेरा से ठीक है. यह रहने लायक था. हालांकि केयरटेकर गायब था. स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा पार के रिक्शा-ठेला चालक भागलपुर रोज कमाने आते हैं पर देर रात होने के बाद वे घर नहीं जाते हैं. ऐसे में वे लोग रात गुजारने के लिए आशियाना खोजते हैं.

डेढ़ साल में ही बदतर हो गया 48 लाख से बना तातारपुर रैन बसेरा

डेढ़ से दो साल के अंदर तातारपुर गोदाम स्थित 48 लाख की लागत से बने रैन बसेरा की हालत बदतर हो गयी. यहां दो एलइडी टीवी, एक फ्रिज, सीसीटीवी कैमरा शोभा की वस्तु बनी हुई है. शौचालय व दीवार के प्लास्टर उखड़ गये हैं, जैसे यह वर्षों पुराना भवन हो. रैन बसेरा के ग्राउंड फ्लोर को चूना व ब्लिचिंग रखने का गोदाम बना दिया गया है. ऊपरी तल पर पीरपैंती का बेसहारा शमशाद मस्जिद के आगे भीख मांगता और यहां शरण लेता है. केयर टेकर सरयुग दास ने बताया कि उन्हें एक साल से मानदेय नहीं मिला है. परेशानी काफी बढ़ गयी है फिर भी कार्यरत हैं.

20 जिलों में आधुनिक रैन बसेरा के लिए मिले थे 3.96 करोड़

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर विकास विभाग ने 28 दिसंबर 2015 में भागलपुर समेत 20 जिलों में आधुनिक रैन बसेरा के लिए 3.96 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. इस मिशन के तहत हर रैन बसेरा को सुसज्जित करने के लिए छह लाख रुपये आवंटित किये गये थे. रैन बसेरा में मच्छरदानी, गद्दा, चौकी, कंबल, पेयजल आदि मूलभूत सुविधा के साथ रात में एक गार्ड नियुक्त किया गया था. रैन बसेरा की साफ-सफाई की जिम्मेवारी नगर निगम की है.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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