28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पत्नी ने श्मशान से लाकर अस्पताल में रखा कोरोना संक्रमित अधिकारी का शव, अंतिम संस्कार नहीं होने पर शव छोड़ घर लौटे परिजन …

भागलपुर: रविवार को भागलपुर में एक अधिकारी की कोरोना से मौत हो गयी थी. वो भागलपुर में अकेले रहते थे. मौत की सूचना पर सोमवार को उनकी पत्नी और बच्चे दरभंगा और साला कोलकाता से भागलपुर पहुंचे. भागलपुर में रहनेवाले उनके रिश्तेदार प्रो राम प्रवेश सिंह (टीएमबीयू में डीएसडब्ल्यू) ने उनके लिए पीपीइ किट की व्यवस्था की. तमाम नियमों को पूरा करने को बाद जब वो शव लेकर बरारी स्थिति श्मशान घाट पहुंचे, तो वहां पर 1.5 लाख रुपये की मांग घाटवालों ने की. बाद में बरारी पुलिस के सहयोग से देर रात लाश जलाने की बात तय हुई.

भागलपुर: रविवार को भागलपुर में एक अधिकारी की कोरोना से मौत हो गयी थी. वो भागलपुर में अकेले रहते थे. मौत की सूचना पर सोमवार को उनकी पत्नी और बच्चे दरभंगा और साला कोलकाता से भागलपुर पहुंचे. भागलपुर में रहनेवाले उनके रिश्तेदार प्रो राम प्रवेश सिंह (टीएमबीयू में डीएसडब्ल्यू) ने उनके लिए पीपीइ किट की व्यवस्था की. तमाम नियमों को पूरा करने को बाद जब वो शव लेकर बरारी स्थिति श्मशान घाट पहुंचे, तो वहां पर 1.5 लाख रुपये की मांग घाटवालों ने की. बाद में बरारी पुलिस के सहयोग से देर रात लाश जलाने की बात तय हुई.

Also Read: Coronavirus In Bihar : पटना एम्स में कोरोना जांच व इमरजेंसी सेवा फिलहाल बंद, केवल इन मरीजों का ही हो सकेगा इलाज…
50 हजार रुपये से कम लेने पर तैयार नहीं थे, उपर से ये रखी शर्त

श्री सिंह ने बताया कि देर रात वो लोग फिर शव लेकर श्मशान घाट पर गये. वहां पर अंतिम संस्कार करने वालों ने फिर एक लाख रुपये की मांग की. परिजनों के पास 40 हजार तक ही रुपये थे. वो सब देने पर राजी हो गये थे, पर वो लोग 50 हजार रुपये से कम लेने पर तैयार नहीं थे. पीड़ित पत्नी की आरजू-मिन्नत का भी असर नहीं हुआ. उनकी शर्त थी कि एंबुलेंस से परिजन ही शव उठाकर चिता पर रखें. पर घाट पर सिर्फ पत्नी व साला के कारण यह भी संभव नहीं था.

पत्नी और साला ने एंबुलेंस से शव वापस मायागंज अस्पताल में लाकर रख दिया

इस दौरान वहां मौजूद स्थानीय थाने की पुलिस ने भी उनलोगों को समझाया, मगर वो नहीं माने. मान मनौव्वल करते-करते सुबह के चार बज गये. अंतत: पत्नी और साला ने एंबुलेंस से शव वापस मायागंज अस्पताल में लाकर रख दिया. श्री सिंह ने कहा कि पीड़ित पत्नी व बच्चाें की स्थिति काफी खराब हो गयी है. रोते-बिलखते वो दरभंगा लौट गये, जबकि उनका साला कोलकाता लौट गये.

पत्नी ने कहा कि अब वो भागलपुर कभी नहीं आना चाहेंगी

पत्नी व बच्चे अंतिम संस्कार नहीं होने से टूट चुके हैं. पत्नी ने कहा कि अब वो भागलपुर कभी नहीं आना चाहेंगी. श्री सिंह ने कहा कि मायागंज अस्पताल प्रशासन से अंतिम संस्कार कराने के लिए बात चल रही है. मंगलवार की रात अंतिम संस्कार कराया जा सकता है.

रोगी कल्याण समिति ने आठ हजार में तय किया था अंतिम संस्कार

नौ जुलाई को रोगी कल्याण समिति की डीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. इसमें तय किया गया था कि कोरोना पॉजिटिव की लाश का आठ हजार में अंतिम संस्कार किया जायेगा. बावजूद इस निर्णय के अंतिम संस्कार करने वाले लोग कभी डेढ़ लाख, कभी एक लाख, तो कभी 50 हजार की मांग कर रहे हैं. बता दें कि खरीक, धोरैया व मोजाहिदपुर के कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिजनों ने उनकी लाश लेने से मना कर दिया था. इसके बाद आठ-आठ हजार रुपये में प्रशासन ने अंतिम संस्कार कराया गया था. इस मामले में अधिक पैसे की मांग ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं.

तैयार है विद्युत शवदाह गृह, नहीं चला रहा निगम

बता दें कि भागलपुर में विद्युत शवदाह गृह तैयार हो चुका है. इसे निगम को हैंडओवर भी कर दिया है, पर निगम ने इसे चलाने के प्रति कोई गतिविधि नहीं दिखायी है. साफ-सफाई और सैनिटाइज करने में फेल निगम इस मामले में भी पिछड़ रहा है. अगर शवदाह गृह शुरू हो जाता, तो ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकती थी.

जिला प्रशासन दे ध्यान

अंतिम संस्कार को लेकर हो रही कठिनाई को देखते हुए लोगों ने जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन विद्युत शवदाह गृह को चालू कराये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें