इस दौरान परिजनों ने करीब 45 मिनट तक मेडिसिन विभाग में जमकर हंगामा किया. इस दौरान डॉक्टर-नर्स सहमे रहे और हेल्थ मैनेजर गायब था. 45 मिनट के बाद मौके पर पहुंचे वरीय फिजिशियन डॉ हेमशंकर शर्मा ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत किया और लाश को अस्पताल के बाहर भिजवाया. मोजाहिदपुर निवासी अख्तरी बेगम (70 वर्ष)कमजोरी की समस्या के साथ गुरुवार की देर रात में इमरजेंसी में भरती हुई. शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे उसे मेडिसिन विभाग में डॉ डीपी सिंह की यूनिट में भरती किया गया.
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज का हिमोग्लोबिन दो से भी कम (सीवियर एनिमिक) थी. महिला की बेटी व बेटे को बोला गया कि मरीज के लिए खून का इंतजाम करें. लेकिन दोनों ने खून देने से इंकार कर दिया. जबकि खून की कमी के कारण महिला की हालत लगातार बिगड़ रही थी. 11 बजे उसे सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई तो उसे ऑक्सीजन देने के साथ-साथ नेबुलाइजर दिया गया. इस दौरान मरीज को एंटीबायोटिक व गैस का इंग्जेक्शन लगाया गया. इसके बाद मरीज की मौत हो गयी. इसके बाद मरीज के परिजनों ने गलत सुई लगाकर जान लेने का आरोप चिकित्सकों पर मढ़ते हुए हंगामा शुरू कर दिया. विभाग का हेल्थ मैनेजर वहां से गायब था. जिससे परिजनों को कोई समझा नहीं पा रहा था. फिर सिक्युरिटी गार्ड को बुलाया गया और मौके पर डॉ हेमशंकर शर्मा पहुंचे. परिजनों को समझाने पर माने और लाश को लेकर चले गये. बता दें कि गुरुवार को भी जेएलएनएमसीएच में एक वृद्ध की मौत हो गयी. आक्रोशित परिजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए करीब आधे घंटे तक हंगामा किया था.