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बाढ़, कटाव, भ्रष्टाचार के मुद्दे उठे

नवगछिया के एसडीओ ने रंगरा प्रखंड में की समीक्षा बैठक प्रखंड-अंचल कार्यालय पीएचसी, बैंकों का किया निरीक्षण नवगछिया : नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने रंगरा प्रखंड परिसर स्थित शिल्प भवन में प्रखंड, अंचल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी […]

नवगछिया के एसडीओ ने रंगरा प्रखंड में की समीक्षा बैठक

प्रखंड-अंचल कार्यालय पीएचसी, बैंकों का किया निरीक्षण
नवगछिया : नवगछिया के अनुमंडल पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने रंगरा प्रखंड परिसर स्थित शिल्प भवन में प्रखंड, अंचल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पदाधिकारियों एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने रंगरा प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित सरकारी बैंकों का निरीक्षण किया और विभिन्न सरकारी योजनाओं के अभिलेखों की जांच की. सरकारी अधिकारियों के साथ साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान क्षेत्र के बाढ़, कटाव, भूमि विवाद एवं सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे छाये रहे.
बैठक में खासकर भूमि विवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा मुख्य रूप से उठाया गया. उपप्रमुख प्रवीण कुमार पंकज ने प्रखंड एवं अंचल कर्मी के द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं दिये जाने की शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी से की. मदरौनी पंचायत के मुखिया अजीत कुमार मुन्ना ने कहाकि अंचल में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर बिना पैसा लिये लोगों का काम नहीं करना चाहते हैं. इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कंप्यूटर ऑपरेटर पर कार्रवाई करने का निर्देश प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार ठाकुर को दिया.
कौशिकीपुर सहौड़ा पंचायत की मुखिया सविता देवी, मुरली पंचायत के मुखिया प्रदीप मंडल व मदरौनी पंचायत के मुखिया अजित कुमार मुन्ना ने एक सुर में कहा कि पूर्व के पंचायत सचिव के द्वारा किसी भी सरकारी योजनाओं का अभिलेखों का स्थांतरण वर्तमान पंचायत सचिव एवं मुखिया को नहीं किया गया है.
जिसके फलस्वरूप संपूर्ण पंचायत का विकास कार्य बाधित है. इस पर अनुमंडल पदाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए बीडीओ को निर्देश दिया कि जिस पंचायत सचिव ने अबतक अभिलेखों का हस्थानांतरण नहीं किया है वैसे पंचायत सचिवों से स्पष्टीकरण पूछें और उनपर प्राथमिकी दर्ज करायें. साथ ही उनके खिलाफ प्रपत्र क गठित करने की प्रक्रिया शुरू की जाये.
मुरली पंचायत के मुखिया प्रदीप मंडल ने पिछले वर्ष पंचायत चुनाव के दौरान आचार संहिता के क्रम में पूर्व मुखिया एवं पूर्व पंचायत सचिव की मिलीभगत से पंचायत के खाते में सरकार द्वारा भेजी गई साढ़े तेरह लाख की राशि का उठाव कर लिया गया और स्ट्रीट लाइट खरीद कर अपने मतदाताओं को लुभाने के लिए बंदरबांट की. यही नहीं प्रखंड क्षेत्र की कई पंचायतें ऐसी हैं जहां आनन फानन में घटिया दर्जे की सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट लगाकर खानापूर्ति की गयी. इस से भी अनुमंडल पदाधिकारी ने गंभीरता से लेते हुए बीडीओ को अपने स्तर से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा. उन्होंने कहा कि मामला सही पाया गया तो पूर्व मुखिया एवं पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज कर करायी जायेगी.
कौशकीपुर सहौड़ा पंचायत के बाढ़-कटाव का मुद्दा उठा
समीक्षा बैठक के दौरान राज्य आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अशोक यादव ने कौशकीपुर सहौरा पंचायत के बाढ़ और कटाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कौशकीपुर सहौड़ा पंचायत का अस्तित्व वर्ष 1987 में कोसी नदी की बाढ़ में समाप्त हो गया था. इसके बाद पंचायत के हजारों परिवार पुरानी रेलवे लाइन के बांध पर आकर शरण लिया था. इसके बाद पिछले वर्ष 2016 में पुनः कोसी नदी में आयी बाढ़ ने कौशिकीपुर सहौड़ा पंचायत के आधे से अधिक भाग को अपने गर्भ में समा लिया.
इसके बाद पंचायत के सैकड़ों परिवार यत्र-तत्र चले गये. किसी ने कटिहार बरौनी रेलखंड के किनारे शरण ली, तो किसी ने मदरौनी चौक स्थित एनएच 31 के किनारे सड़क पर.
पूर्व में इस पंचायत के 129 परिवारों को सरकार ने वासगीत पर्चा देकर बसाया था. वर्तमान में 55 विस्थापित परिवारों को सरकारी भूमि आवंटित कर बसाने की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन बताया जाता है कि लगभग 500 परिवार ऐसे हैं जो अभी भी एनएच 31 किनारे सड़क एवं बरौनी कटिहार रेलखंड के किनारे रह रहे हैं. एसडीओ ने सीओ को निर्देश दिया कि ऐसे परिवारों का सर्वेक्षण कर नौ मई को डीएम की बैठक में समर्पित करें.

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