वारदात में कमी तो आयी, पर क्षेत्र का हुआ विस्तार

लाल आतंक. बिहार-झारखंड में नक्सलियों ने धीरे-धीरे मजबूत की अपनी पकड़, उतार-चढ़ाव के बाद भी धमक बरकरार भागलपुर : नक्सलबाड़ी आंदोलन के कुछ ही दिनों के बाद से बिहार-झारखंड में अपनी गतिविधि शुरू करनेवाले नक्सलियों ने अपनी पकड़ धीरे-धीरे मजबूत कर ली है. वर्तमान में नक्सली अपने स्लीपर व साइलेंट जोन को भी वाइब्रेट कर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2017 4:53 AM

लाल आतंक. बिहार-झारखंड में नक्सलियों ने धीरे-धीरे मजबूत की अपनी पकड़, उतार-चढ़ाव के बाद भी धमक बरकरार

भागलपुर : नक्सलबाड़ी आंदोलन के कुछ ही दिनों के बाद से बिहार-झारखंड में अपनी गतिविधि शुरू करनेवाले नक्सलियों ने अपनी पकड़ धीरे-धीरे मजबूत कर ली है. वर्तमान में नक्सली अपने स्लीपर व साइलेंट जोन को भी वाइब्रेट कर आधार क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं. इसके कारण पांच दशकों में कई उतार-चढ़ाव के बाद भी उनकी धमक बरकरार है.
नरसंहारों के दौर के बाद नक्सलियों ने वर्तमान झारखंड से सटे गया व बांका-जमुई परिक्षेत्र को अपना गढ़ बनाया. माओवादियों ने अपने सिद्धांत एक कदम पीछे, दो कदम आगे की तर्ज पर अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाया और कुछ ही गांवों में खड़े अपने संगठन को कई जिलों तक फैलाया. एक साल के नक्सली गतिविधि पर गाैर करें, तो यह स्पष्ट होता है कि वारदात में तो कमी आयी, लेकिन आधार क्षेत्र का विस्तार हुआ है. नोटबंदी के कुछ माह बाद तो नक्सली गतिविधि लगभग शून्य हो गयी थी, लेकिन अप्रैल माह में ताबड़तोड़ कई घटनाओं को अंजाम देकर संगठन ने यह साबित किया है कि हम कमजोर नहीं हुए हैं.
20 अप्रैल को मुंगेर में पकड़े गये लखीसराय के रहनेवाले एक कंपनी के दो मुंशी की गिरफ्तारी से यह खुलासा हुआ कि लेवी की लेन-देन जारी है. नक्सलियों ने नोटबंदी के दौरान एक्शन विंग को आधार क्षेत्र विस्तार में लगा दिया. इसका खुलासा जमुई से गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली प्रहलाद की गिरफ्तारी से हुई. इससे कुछ माह पूर्व एक नक्सली को तिलका मांझी विवि क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. उसने कहा था कि कई ऐसे पढ़े-लिखे लोग संगठन में शामिल हैं, जो माओवादी विचारधारा को प्रचारित करने में सहयोग करते हैं.
ऐसे ही गया क्षेत्र में भी देखा गया. यहां भी कुछ नये इलाके में नक्सलियों ने अपना गढ़ बनाना शुरू कर दिया है. औरंगाबाद व गया के करीब एक दर्जन ब्लॉक ऐसे हैं, जहां नक्सलियों की गतिविधियां जारी हैं. उधर, जमुई से सटे मगध क्षेत्र के नवादा जिले में भी नक्सली बीच-बीच में अपनी ताकत का एहसास करा दे रहे हैं. बांका-जमुई-भागलपुर के नक्सलियों के लिए झारखंड के गोड्डा-दुमका व गिरिडीह से आना-जाना आम बात है.
सुकमा में नक्सली हमले के बाद जमुई, मुंगेर, लखीसराय और बांका में अलर्ट, संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश
हाल की वारदातें
30 नवंबर, 2013 : जमालपुर रेलवे सुरंग के समीप पटना इंटर सिटी एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर तीन जवानों की हत्या कर पांच हथियार लूटे
10 अप्रैल, 2014 : चुनावी ड्यूटी में जा रहे जवान भीमबांध सीआरपीएफ कैंप के 131 वीं बटालियन हमला कर दो जवानों को मौत के घाट उतारा
10 अगस्त, 2016: कजरा थाना क्षेत्र के कानीमोह में नक्सलियों के साथ गोलीबारी में बीएमपी जवान अजय कुमार की मौत
20 फरवरी, 2017: कजरा थाना क्षेत्र के बुधौली बनकर में पंचायत के उपमुखिया गीता देवी के पति सुनील यादव की गोलियों से छलनी कर हत्या
14 अप्रैल, 2017: चानन थाना क्षेत्र के बतसपुर में बालू उठाव के विवाद में नक्सलियों ने पांच ट्रक व बाइक जलाने के साथ ही जेसीबी चालक राजेश बिंद की गोली मार कर की हत्या
21 फरवरी, 2017 : आनंदपुर ओपी के हरदिया-पड़रिया जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इसमें मोस्ट वांटेड इनामी नक्सली सह एरिया कमांडर मंटु खैरा मारा गया. घटनास्थल से एके-47, इंसास रायफल सहित भारी मात्रा में सामान बरामद हुए थे.
नक्सलियों के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई
मुंगेर पुलिस द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. 10 दिसंबर 2016 को पुलिस ने हवेली खड़गपुर के बघैल गांव में छापेमारी कर हार्डकोर नक्सली सुधीर मरांडी को गिरफ्तार किया, जबकि 21 नवंबर 2016 को पुलिस ने लखीसराय से हार्डकोर नक्सली रंजन बिंद को गिरफ्तार किया था. एक अप्रैल 2017 को मुंगेर पुलिस ने हवेली खड़गपुर झील के समीप से पूर्व एरिया कमांडर अजय राय को गिरफ्तार किया. साथ ही 7 अप्रैल को लखीसराय जिले के हार्डकोर नक्सली बालबोध यादव को मुंगेर शहर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के चूआबाग से गिरफ्तार किया.
लखीसराय में 02 अक्तूबर 2016 को पीरीबाजार थाना क्षेत्र के बंगाली बांध में नक्सलियों के साथ पुलिस की मुठभेड़
नक्सलियों के भागने के बाद नक्सली साहित्य व अनके कीमती सामानों की बरामदगी हुई. 23 जनवरी 2017 को कजरा थाना क्षेत्र के सिमरातरी में ऋषिकुंड मार्ग पर 25 किलो का केन बम बरामद हुआ. 06 मार्च 2017 को पीरीबाजार थाना क्षेत्र के लठिया कोड़ासी से नक्सलियों का एक पिठ्ठू बैग बरामद, बैग से नक्सली साहित्य व अन्य सामान बरामद हुआ. 23 अप्रैल 2017 को चानन थाना क्षेत्र के चेहरन कोड़ासी से दो केन बनाने के उपकरण बरामद किये गये.

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