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दुकान आवंटन में 35 करोड़ का घपला

बागबाड़ी. बाजार में हो गये काम, प्रशासन कह रहा है – नहीं था पता आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह की पत्रकार वार्ता डीडीसी की जांच रिपोर्ट के बाद तय करेंगे रणनीति भागलपुर : बागबाड़ी में दुकान व गोदाम के आवंटन में कुल 35 करोड़ का घपला हो सकता है. प्रारंभिक जांच में यह 14 करोड़ […]

बागबाड़ी. बाजार में हो गये काम, प्रशासन कह रहा है – नहीं था पता

आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह की पत्रकार वार्ता
डीडीसी की जांच रिपोर्ट के बाद तय करेंगे रणनीति
भागलपुर : बागबाड़ी में दुकान व गोदाम के आवंटन में कुल 35 करोड़ का घपला हो सकता है. प्रारंभिक जांच में यह 14 करोड़ के आसपास लग रहा है. इसके साथ ही वहां पर आवंटन के बाद दुकानदारों ने भी 12 करोड़ के आसपास पैसा लगा दिया है. इससे दुकानदारों में भी संशय की स्थिति बनी है कि प्रशासन बागबाड़ी में दुकान व गोदाम आवंटन को रद्द करेगा या कुछ और कार्रवाई करेगा. यह बात मंगलवार को आरटीआइ कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहर.
उन्होंने तत्कालीन विशेष पदाधिकारी कुमार अनुज के उस आरोप का खंडन किया, जिसमें उन्होंने तबादले के बाद बागबाड़ी बाजार समिति का मामला उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनके रहते कमिश्नर व डीएम को बाजार समिति मामले की जांच का पत्र दिया था. यह अलग बात है कि उनके जाने के बाद उप विकास आयुक्त स्तर से जांच शुरू हुई.
उन्होंने जिला प्रशासन के साथ प्रशासक की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बातें हजम नहीं हो रही है कि बागबाड़ी बाजार समिति में दुकान व गोदाम आवंटन में मनमानी का खेल चला और किसी को पता नहीं था. मामले में जिलाधिकारी व उनके माध्यम से प्रधान सचिव तक पत्राचार हुआ, मगर प्रशासक ने कोई निर्देश नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करके बागबाड़ी के आसपास की जमीन का दर ऊंचा कर दिया. रातो-रात जिस क्षेत्र में लोग जाना नहीं चाहते थे, वहां की जमीन की कीमत बढ़ गयी. मुंदीचक के थोक व्यापारी को जबरन शिफ्ट करने का नोटिस दिया गया. उन्हें पांच लाख तक लेकर गोदाम दिये गये. उन्हें रसीद के नाम पर थोड़े रुपये की रसीद दी गयी. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार समिति ने बाजार समिति के एक-एक दुकानदार के दिये आवेदन का डाटाबेस तैयार किया है.
312 शिकायतों में सभी ने अधिक पैसे लेने की बात कही. इस तरह 312 दुकानदार से 29 लाख रुपये अधिक वसूली हुए. अगर 1460 दुकानों की बात करें तो यह आंकड़ा 12 करोड़ 87 लाख 82 रुपये की अधिक वसूली हुई. उनकी शिकायत में दुकानदारों के पूंजी निवेश करने की बातें सामने आयी. 312 दुकानदारों ने दो करोड़ 65 लाख 66 हजार 300 रुपये के पूंजी लगाया.
इस तरह 1460 दुकानों के हिसाब से 12 करोड़ 42 लाख 88 हजार 583 रुपये के निवेश हो गये. उन्होंने कहा कि अगर बाजार को सही समय पर नहीं बसाया गया तो बेहद अप्रिय स्थिति आयेगी. उनके सामने बेरोजगारी की समस्या आ जायेगी. पत्रकार वार्ता के दौरान देवज्योति मुखर्जी, सुजीत कुमार लाल, अभिषेक चौधरी आदि उपस्थित थे.
उन्हें धमकी देने का भी बदला तरीका. आरटीआइ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि बागबाड़ी बाजार समिति का मामला उठाये जाने के बाद उन्हें भी धमकी मिल रही है. बस अंतर इतना है कि धमकी का तरीका बदला है. कहा जाता है कि क्या जरूरत है, इस पचड़े में पड़ने की. शहर में कई और समस्या है, जिसे संस्थान की तरफ से उठायें. धमकी को सलाह की तरह दिया जाता है.
डीडीसी की जांच रिपोर्ट जारी होने पर लेंगे निर्णय. अजीत कुमार सिंह ने कहा कि डीडीसी की जांच रिपोर्ट जारी होने पर आगे की रणनीति बनायेंगे. अगर जांच से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला तो वह पटना में भी शिकायत करेंगे.

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