भागलपुर: सूबे में दूसरे एम्स की कवायद करीब तीन साल पहले शुरू हुई. पूर्वी बिहार के बीमारों के लिए भागलपुर में एम्स होना वक्त का तकाजा भी है. भागलपुर में एम्स बनाये जाने को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा से लेकर लोकसभा में मुद्दा उठाया जाता रहा है. यह मांग देश के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के पास तक पहुंच चुकी है. इन सबके बावजूद भागलपुर में एम्स बनाये जाने की सपनों को पूरा होने में जमीन एक बड़ा रोड़ा बना हुआ है.
भागलपुर जिले में एम्स कहां पर बने, इसके लिए जरूरी जमीन (करीब 250 एकड़) अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है. मार्च 2015 में भागलपुर के सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने लोकसभा में नियम 377 के तहत मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भागलपुर में एम्स बनाया जाना चाहिए. बजट के बाद उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर भागलपुर में एम्स बनाये जाने की मांग की. इधर 31 मार्च 2017 को भी एक बार फिर बुलो मंडल ने लोक सभा में भागलपुर में एम्स बनाये जाने काे लेकर आवाज बुलंद की. बहस के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था कि अभी तकदूसरे एम्स निर्माण के लिए जमीन ही मुहैय्या नहीं करायी गयी है. न तो कोई स्थान चयन कर केंद्र को दिया गया. 12 अप्रैल को सांसद बुलो मंडल ने एक बार फिर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करते हुए पत्र दिया.
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बोले, चयन के बाद केंद्र को भेजा जा चुका है प्रस्ताव : 18 मार्च को बिहपुर की विधायक वर्षा रानी ने विधान सभा में मुद्दा उठाते हुए भागलपुर में एम्स खोले जाने की मांग की थी. इसका जवाब देते हुए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 200 एकड़ जमीन का चयन कर इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है. लेकिन इस बहस में यह स्पष्ट नहीं हो सका कि चयनित जमीन भागलपुर की है या फिर किसी दूसरे जिले की.
मुख्यमंत्री से करूंगा मुलाकात : अजीत शर्मा : भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि भागलपुर में एम्स स्थापित के मुद्दे पर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे. साथ ही वे मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर यह मांग करेंगे कि एम्स के लिए जरूरी जमीन भागलपुर जिले में ही चयन किया जाये. उन्होंने कहा कि पूर्वी बिहार के 13 जिले के लोगों के लिए भागलपुर एक बड़ी उम्मीद है. यहां इलाज का बेहतरीन सुविधा न होने के कारण यहां के मरीज सिलिगुड़ी, कोलकाता या दिल्ली जाने को विवश हैं.