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प्रशासन की मुआवजा दर को नहीं मान रहे जमीन मालिक, बाइपास में मुआवजा का पेच

भागलपुर: स्थायी बाइपास के निर्माण पर संशय का बादल मंडराने लगा है. बाइपास निर्माण के लिए संत टेरेसा स्कूल के पास करीब दो एकड़ जमीन अधिग्रहण होना है लेकिन इसके मुआवजे की दर तय नहीं होने के कारण अधिग्रहण में पेच फंस गया है. एक ओर जहां जिला प्रशासन ने जमीन मालिक को कृषि किस्म […]

भागलपुर: स्थायी बाइपास के निर्माण पर संशय का बादल मंडराने लगा है. बाइपास निर्माण के लिए संत टेरेसा स्कूल के पास करीब दो एकड़ जमीन अधिग्रहण होना है लेकिन इसके मुआवजे की दर तय नहीं होने के कारण अधिग्रहण में पेच फंस गया है. एक ओर जहां जिला प्रशासन ने जमीन मालिक को कृषि किस्म की भूमि का मुआवजा देना तय किया है, वहीं दूसरी ओर जमीन मालिक विकासशील व आवासीय किस्म का मुआवजा लेने पर अड़े हैं.

अगर जमीन अधिग्रहण का मामला शीघ्र नहीं निबटा तो सेंट टेरेसा स्कूल के पास बाइपास निर्माण रुक जायेगा. बता दें कि स्थायी बाइपास का काम 10 नवंबर 2015 से शुरू हुआ है और कार्य एजेंसी इसे निर्धारित समय से पूर्व पूरा करने का दावा कर रही है.

क्या है मामला : संत टेरेसा स्कूल के पास बाइपास निर्माण के लिए 2.20 एकड़ जमीन का मुआवजा तय करने के लिए प्रशासनिक कमेटी गठित हुई. कमेटी ने जमीन अधिग्रहण कृषि किस्म से करने की सिफारिश की. डीएम स्तर पर कमेटी की सिफारिश को मानते हुए जमीन मालिक को प्रस्ताव भेजा गया. इस पर जमीन मालिकों का कहना है कि मुख्य सड़क से कुछ ही दूरी पर 2.20 एकड़ जमीन स्थायी बाइपास योजना में गयी है. इस जमीन के आसपास विकासशील व आवासीय जैसी स्थिति है. स्मार्ट सिटी में शामिल होने पर उक्त जमीन के आसपास बसाव बढ़ने लगा है. प्रशासन ने जो कमेटी बनायी उसमें जमीन मालिक को शामिल नहीं किया और कमेटी ने अपनी मरजी से जमीन को कृषि किस्म मान लिया. इस मामले में जमीन मालिक पटना हाइकोर्ट गये थे. हाइकोर्ट ने जमीन के अधिग्रहण पर रोक लगा दी और कहा कि जमीन मालिक से राय ली जाये. हाइकोर्ट के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर जमीन को नये सिरे से अधिग्रहण की नीति बनायी गयी.

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