सुलतानगंज : देवघर के बाबा वैद्यनाथ और सुलतानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर का खास संबंध है. हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर सुलतानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर से पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा का जल भेजा जाता है. परंपरा के अनुसार अजगैवीनाथ मंदिर के स्थानापति महंत गंगाजल भेजते हैं. यहां से भेजे गये गंगाजल से अंतिम अभिषेक के बाद ही विवाह की रस्में पूरी की जाती है. मंदिर के स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया कि बुधवार को एकादशी के दिन मंदिर के स्थायी पंडा युगल किशोर मिश्र को ससम्मान गंगाजल लेकर देवघर भेजा जायेगा.
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अजगैवीनाथ मंदिर से आज बाबधाम जायेगा गंगाजल
सुलतानगंज : देवघर के बाबा वैद्यनाथ और सुलतानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर का खास संबंध है. हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर सुलतानगंज के अजगैवीनाथ मंदिर से पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा का जल भेजा जाता है. परंपरा के अनुसार अजगैवीनाथ मंदिर के स्थानापति महंत गंगाजल भेजते हैं. यहां से भेजे गये गंगाजल से अंतिम अभिषेक के बाद […]
पंडा युगलकिशोर मिश्र ने बताया कि कथा के अनुसार महंत हरिनाम भारती रोज गंगा जल लेकर देवघर जाते व पूजन कर अपने योग साधना से पहाड़ी पर लौट आते थे. एक दिन रास्ते में उन्हें साक्षात शिव ने उन्हें कोढ़ी के रूप में दर्शन दिया और उनसे जल मांग लिया. इसके बाद भगवान ने उन्हें मूल रूप में दर्शन दिया. भोलेनाथ ने महंत से कहा अब उन्हें रोज देवघर आने की जरूर नहीं है. पूजन के समय अजगैवी मंदिर में विराजमान रहने का वचन दिया. भगवान भोलेनाथ ने महंत से सिर्फ महाशिवरात्रि में ही अपने प्रतिनिधि के माध्यम से गंगाजल भेजने को कहा. तब से से मंदिर के स्थायी पंडा द्वारा गंगा जल देवघर भेजा जाने लगा.
परंपरा के अनुसार अजगैवीनाथ मंदिर के महंत देवघर मंदिर में प्रवेश नहीं करते. एक शिवलिंग पर दो बाबा का पूजन अजगैवी मंदिर में ही होता है. बाबा वैद्यनाथ तथा अजगैवीनाथ का संबंध यहां एकाकार होता है.
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