भागलपुर : शहर में वाटर वर्क्स से अभी रोजाना 28 लाख गैलन सप्लाई पानी लोगों को मिल रहा है. इसमें 30 प्रतिशत पानी पाइप में लिकेज होने से बरबाद हो रहा है. ऐसे में लोगों को 18 से 19 लाख गैलन पानी ही लोगों को मिल पा रहा है. इस पानी से 50 हजार से अधिक लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. नगर निगम अंतर्गत जलापूर्ति एजेंसी पैन इंडिया व्यर्थ बह रहे इस पानी को रोकने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं कर रही है. नगर निगम के जलापूर्ति विशेषज्ञ की मानें तो वाटर वर्क्स से रोजाना 38 लाख गैलन पानी देने की क्षमता है.
जब से पैन इंडिया पानी का जिम्मा संभाल रही है, तब से वाटर वर्क्स में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है. गरमी आने पर गंगा का जल स्तर गिर चुका है. इससे और क्षमता घट गयी है. रोजाना 28 लाख गैलन पानी ही शहर को सप्लाइ दिया जा रहा है. इसमें शहर के विभिन्न स्थानों पर नल की टोटी टूट गयी या लोगों ने तोड़ दी है. लिकेज व टूटी टोटी से रोजाना 30 से 40 फीसदी पानी बरबाद हो रहा है.
पानी कर रहा बीमार : स्मार्ट सिटी बन रहे शहर के लोग अब भी शुद्ध पानी को तरस रहे हैं. नालों के अंदर से गुजरी पाइप लाइन सहित जगह-जगह लिकेज से गंदगी पाइप लाइन में समाकर लोगों के घर तक पहुंच रही है. दूषित पानी से लोग बीमार हो रहे हैं. विशेषज्ञ की मानें, तो शहर के विभिन्न मुहल्ले में 50 बड़े लिकेज, जबकि 150 से अधिक छोटे लिकेज हैं. अधिकतर लिकेज की जानकारी जलापूर्ति एजेंसी को नहीं मिल रही है. इससे गंदा पानी लिकेज से घर तक पहुंच रहा है. इससे प्रदूषण बढ़ रहे हैं
और लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ता जा रहा है. बूढ़ानाथ क्षेत्र की मुन्नी देवी ने बताया कि नल में कभी गंदा पानी आता है, कभी पानी बदबूदार रहता है. कभी-कभी नल में कीड़ा भी निकला है. वहीं आदमपुर चौक के मनोज कुमार साह ने बताया कि कहीं पाइप लाइन नहीं बिछी है, तो कहीं पाइप लाइन है, तो नाला से गुजरने पर गंदा पानी आता है.
पैन इंडिया के प्रोजेक्ट हेड शशि मोहन ने बताया कि नगर विकास विभाग के निर्देश पर एक वर्ष पहले शहर के सार्वजनिक नलों में टोटी लगायी गयी थी. इसकी वेल्डिंग करायी गयी थी. इसके बाद भी तोंड़ दी गयी. टोटी लगाने की योजना अभी नहीं है. लिकेज को दुरुस्त कराया जा रहा है.
पैन इंडिया लिकेज दुरुस्त करने में नाकाम, गरमी में पेयजल को लेकर मचेगा हाहाकार