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कहीं जान न ले ले गलत बिजली बिल

कुव्यवस्था. गलत बिजली बिल की वजह से गंभीर परेशानी झेल रहे उपभोक्ता लाख प्रयास के बाद भी गलत बिजली बिल से बिजली उपभोक्ता त्रस्त हैं. हालत यह है कि गलत बिजली बिल की बड़ी राशि अचानक जानने के बाद लोग बीमार हो जाते हैं. ऐसे में लगता है कि यह गलत बिजली बिल कहीं उपभोक्ताओं […]

कुव्यवस्था. गलत बिजली बिल की वजह से गंभीर परेशानी झेल रहे उपभोक्ता

लाख प्रयास के बाद भी गलत बिजली बिल से बिजली उपभोक्ता त्रस्त हैं. हालत यह है कि गलत बिजली बिल की बड़ी राशि अचानक जानने के बाद लोग बीमार हो जाते हैं. ऐसे में लगता है कि यह गलत बिजली बिल कहीं उपभोक्ताओं के लिए जानलेवा नहीं हो जाये.
भागलपुर : भागलपुर की बिजली निजी हाथों में जाने के बाद से गड़बड़ायी बिलिंग व्यवस्था तीन साल बाद भी नहीं सुधरी है. फ्रेंचाइजी क्षेत्र भागलपुर केंद्रीय समेत अलीगंज और कहलगांव विद्युत सब डिवीजन के उपभोक्ता गलत बिल से परेशान हैं.
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ देवेंद्र सिंह हो गये सख्त बीमार
वरिष्ठ साहित्यकार और रिटायर शिक्षक डॉ देवेंद्र सिंह का आदमपुर जहाज घाट में मकान है. रविवार को बिजली बिल मिलते ही उनकी बैचेनी बढ़ गयी. वह कांपने लगे. सख्त बीमार होने पर उनका उपचार कराया गया. उपचार के बाद उनकी तबीयत सुधरी है. उन्होंने बताया कि 11 मार्च से 10 नवंबर 2016 तक वह सपरिवार दिल्ली में थे. 11 नवंबर को दिल्ली से लौटने के बाद उन्हें 36000 रुपये का बिजली बिल मिला. उनकी पत्नी गिरजा कुमारी के नाम से बिजली कनेक्शन है. कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद पांच जनवरी 2017 को बिल में सुधार हुआ. सुधार के बाद उन्होंने 1855 रुपये बिजली बिल जमा किया.
पांच फरवरी को फिर से उन्हें गलत बिल मिला. इस बार 1336 रुपये का बिल मिला है, जिसमें लगभग 998 रुपये एरियर जोड़ा गया है. उन्हें यह बात समझ में नहीं आ रहा है कि जब बिल सुधार हुआ और इसके बाद बाकी-बकाया सब भुगतान कर दिया गया है, तो फिर एरियर कैसे रह सकता है. बिल देखते ही उनकी तबीयत बिगड़ गयी. श्री सिंह की उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है. यहां वह सिर्फ अपनी पत्नी के साथ रहते हैं. देवेंद्र सिंह ने कहा कि इस उम्र में जब चलना भी मुश्किल हाे गया है, बार-बार बिजली बिल ठीक कराने कैसे कार्यालय का चक्कर लगा सकते हैं. बार-बार गलत बिजली बिल मिल जाने से काफी परेशान हूं.
गलत बिजली मीटर बता कर किया जुर्माना, भेजा जेल भी
बड़ी खंजरपुर के उपभोक्ता कृष्ण कुमार यादव ने फ्रेंचाइजी कंपनी पर आरोप लगाया है कि जिस विद्युत मीटर को गलत बता कर एक लाख 32 हजार रुपये का जुर्माना किया और जुर्माना राशि नहीं भरने पर मुकदमा दर्ज कराया गया, उसी मीटर को डेढ़ माह बाद फ्रेंचाइजी कंपनी ने सही मान लिया. फिर भी कंपनी ने उन्हें जेल भेजवा दिया. उनका कहना है कि मीटर का ओके का रिपोर्ट आने की तिथि से 25 दिन बाद भी उन्हें जेल जाना पड़ा. वास्तविक बिजली बिल 2700 रुपये का है, जिसे जेल में रहते हुए भी परिवार वालों ने भुगतान किया है. कंपनी चाहती, तो झूठा मुकदमा वापस हो जाता. इससे वह जेल जाने से बच जाते. मगर, ऐसा नहीं किया गया. उनका आरोप है कि जेल जाने से पहले सरकारी बिजली कंपनी, प्राइवेट बिजली कंपनी सहित प्रशासनिक पदाधिकारियों को अपनी बेगुनाही बताता रहा, मगर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा. वह 35 दिन जेल में रह कर लौटे हैं.
नयाबाजार गोला घाट रोड की सरस्वती देवी को 92 हजार रुपये का बिल मिला है. उन्हें जब से बिल मिला है, तब से वह चिंतित है. फ्रेंचाइजी कंपनी के अधिकारियों को मालूम है कि सरस्वती देवी का बिल गलत है. सुधार करने पर 12-15 हजार रुपये का बिल आयेगा. फिर भी बिल संशोधित करने के नाम पर टालमटोल किया जा रहा है. दरअसल, बिलिंग में लगभग 90 हजार रुपये एरियर जोड़ा गया है. बिल सुधार करने के बजाय फ्रेंचाइजी कंपनी से उन्हें बार-बार कनेक्शन काटने और कार्रवाई करने की धमकी मिल रही है.

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