अब अगर 30 जनवरी तक राजभवन की सर्च कमेटी स्थायी रूप से कुलपति की नियुक्ति नहीं कर पाती है, तो विश्वविद्यालय द्वारा भेजी गयी सूची में से वरीयतम शिक्षकों को कार्यवाहक कुलपति के रूप में नियुक्त कर दिया जायेगा. इस बात के प्रबल आसार दिख रहे हैं कि फिलहाल कार्यवाहक कुलपति से ही विश्वविद्यालय का नेतृत्व होगा. हालांकि इस बात की भी संभावना जतायी जा रही है कि वर्तमान कुलपति को ही आगे भी नियमित किया जा सकता है.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में वर्ष 1991 से प्रो क्षेमेंद्र कुमार सिंह (डीन) प्रोफेसर के पद पर हैं. कई शिक्षकों ने बताया कि प्रो सिंह से अधिक समय से प्रोफेसर के पद पर कोई और शिक्षक नहीं है. लिहाजा उनके कार्यवाहक कुलपति बनने की प्रबल संभावना है. हालांकि सीनियर प्रोफेसर में पीजी भौतिकी के हेड प्रो डीएन झा, समाजशास्त्र के पूर्व हेड प्रो पीके सिन्हा, डीन प्रो दामोदर महतो भी हैं. विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक राजभवन ने विश्वविद्यालय से अलग-अलग कोटि में सूची तैयार कर मंगायी है.
इसमें फैकल्टी के हिसाब से, विभागों व कॉलेजों की स्थापना के हिसाब से, प्रोन्नति तिथि के हिसाब से सूची तैयार कर भेजी गयी है. अब राजभवन यह निर्णय लेगा कि किस आधार पर वरीयता का निर्धारण होगा. सूत्र बताते हैं कि राजभवन में शिक्षकों का एक पैनल तैयार किया जायेगा. यह भी संभावना है कि विभिन्न हिसाब से वरीयता तय कर विश्वविद्यालय के तमाम अधिकारियों के पदों पर नियुक्ति कर दी जाये. इसमें वैसे अधिकारियों की कुरसी पर नये चेहरे को लाने की संभावना है, जहां बगैर राजभवन के निर्देश के तत्काल प्रभाव से नियुक्ति की गयी होगी.