घोटाला महालेखाकार कार्यालय ने जतायी आपत्ति, मध्याह्न भोजन कार्यालय का जवाब मान्य नहीं
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पदमुक्त साधनसेवियों को भी दिया मानदेय
घोटाला महालेखाकार कार्यालय ने जतायी आपत्ति, मध्याह्न भोजन कार्यालय का जवाब मान्य नहीं भागलपुर : भागलपुर जिले में मध्याह्न भोजन योजना कार्यालय ने दो साधनसेवियों को सेवामुक्त होने के बाद भी तीन महीने तक भुगतान करता रहा. इस पर महालेखाकार कार्यालय, पटना की लेखा परीक्षा टीम ने आपत्ति जतायी है. मध्याह्न भोजना योजना कार्यालय द्वारा […]
भागलपुर : भागलपुर जिले में मध्याह्न भोजन योजना कार्यालय ने दो साधनसेवियों को सेवामुक्त होने के बाद भी तीन महीने तक भुगतान करता रहा. इस पर महालेखाकार कार्यालय, पटना की लेखा परीक्षा टीम ने आपत्ति जतायी है. मध्याह्न भोजना योजना कार्यालय द्वारा किये गये काम के आधार पर मानदेय का भुगतान करने के जवाब को महालेखाकार कार्यालय, पटना ने मानने से इनकार कर दिया है. साथ ही स्पष्ट किया है कि यह भुगतान अनियमित रूप से किया गया है.
मध्याह्न भोजन योजना की गत 16 से 28 नवंबर तक लेखा परीक्षा हुई थी. इसमें चार सदस्यीय लेखा परीक्षा के सदस्यों ने तमाम कागजात खंगाले. इसी दौरान गड़बड़ियां सामने आयी. इसको लेकर परीक्षा के बाद महालेखाकार कार्यालय ने मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी व मध्याह्न भोजन योजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है. महालेखाकार कार्यालय, पटना के लेखा पदाधिकारियों ने कई गड़बड़ियों पर भागलपुर के शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है.
यह है मामला : महालेखाकार कार्यालय द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि भागलपुर के मध्याह्न भोजन योजना के लेखा अभिलेखों की नमूना जांच की गयी. इसमें यह पाया गया कि 15 अप्रैल 2015 को संविदा पर नियुक्त प्रखंड साधनसेवी के अवधि-विस्तार को लेकर बैठक हुई थी. इसमें लिये गये निर्णय के अनुसार प्रखंड साधनसेवी संतोष कुमार व ज्ञानेश्वर प्रसाद को 31 मार्च 2016 तक के लिए सेवा अवधि का विस्तार किया गया था. इसके बाद 5 जुलाई 16 को हुई बैठक में उक्त दोनों साधनसेवियों का अवधि विस्तार नहीं करने का निर्णय लिया गया. ज्ञापांक एमडीएम 07/11-12 स्था. 795 दिनांक 15 जुलाई 2016 को जारी करते हुए निर्देश दिया कि पत्र निर्गत की तिथि से उन्हें पद से मुक्त कर दिया गया. 31 मार्च 2016 के बाद अवधि विस्तार नहीं होने पर इन्हें मार्च 2016 तक ही मानदेय देना था. लेकिन जांच के दौरान यह देखा गया कि इन दोनों को जून 2016 तक मानदेय का बैंक खाते के माध्यम से अनियमित रूप से भुगतान किया गया.
भुगतान विवरण : साधनसेवी संतोष कुमार व ज्ञानेश्वर प्रसाद को अप्रैल, मई व जून 2016 का भुगतान बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से किया गया. इन्हें 51470 रुपये का अनियमित रूप से भुगतान करने की बात लेखा परीक्षा टीम ने कही है.
मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी-2
मध्याह्न भोजन कार्यालय ने कहा, पदमुक्त के बाद किये गये काम के आधार पर किया मानदेय का भुगतान
एमडीएम कार्यालय ने कहा
लेखा परीक्षा टीम की आपत्ति पर एमडीएम कार्यालय ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दोनों साधनसेवियों को पदमुक्त किया गया था. किये गये कार्य के आधार पर इन्हें मानदेय का भुगतान किया गया. इसे विलोपित किया जाये.
लेखा परीक्षा टीम ने कहा
पत्र में लेखा परीक्षा टीम ने कहा कि मध्याह्न भोजन कार्यालय द्वारा दिया गया जवाब मान्य नहीं है. इसकी वजह बताते हुए महालेखाकार कार्यालय ने शिक्षा विभाग को भेजे गये पत्र में कहा है कि समय पर बैठक नहीं करने के कारण अधिक भुगतान कर दिया गया है.
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