भागलपुर : फ्रेंचाइजी कंपनी लाख दावे कर ले कि पांच साल में आधारभूत संरचना पर खर्च होने वाली राशि का आधा तीन साल में ही खर्च कर दिया है. उपभोक्ताओं को बिजली की किल्लत नहीं होने दी जायेगी. मगर, ये दावे पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे हैं. आधारभूत संरचना इतना कमजोर है कि कई-कई दिनों तक बिजली के दर्शन नहीं होते हैं. यह असलियत गोराडीह से छह किमी दूर मुरहन गांव की है, जहां बांस के सहारे गांव में बिजली जा रही है. बिजली आपूर्ति की इस व्यवस्था से ग्रामीण सहमे हैं.
ग्रामीण बिजली जलाने की आस में सबकुछ झेलने को विवश हैं. इस गांव में एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में बांस के पोल लगे हैं. बांस के सहारे लटकते तार से खतरा बढ़ता चला जा रहा है.
हल्की हवा या बारिश में लोग तार गिरने के डर से घर से बाहर तक नहीं निकलते हैं. ग्रामीण शत्रुघ्न पंडित, कपिलदेव पंडित आदि कहते हैं कि खतरा तो मंडरा रहा है पर बांस के पोल के बिना कोई उपाय भी नहीं है. हर समय सतर्क रहना पड़ता है, ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो जाये. ग्रामीण बताते हैं कि पूर्व में गांव के सभी पोल बांस के ही थे. ग्रामीणों ने पैसा जुगाड़ कर एक-दो पोल खरीद कर कुछ जगहों पर पक्का पोल लगाया. जानकारी देने के बाद भी फ्रेंचाइजी कंपनी ने इस खतरे की ओर कभी ध्यान नहीं दिया. अब तो ग्रामीण खुद हर साल बांस का पोल बदल देते हैं. इस व्यवस्था के तहत ही पूरे गांव में बिजली जल रही है.
बांस के सहारे लटक रहे तार गिरने से बचे बच्चे
बांस के सहारे लटक रहे तार रविवार को टूट कर गिर गया, वहीं पास में खेल रहे बच्चे करंट की चपेट में आने से बाल-बाल बचे. ग्रामीण फ्रेंचाइजी कंपनी से इसकी शिकायत भी नहीं कर सके. ग्रामीण ने बताया कि गांव में बिजली सन्हौला विद्युत उपकेंद्र से आती है. इंजीनियर सन्हौला में रहता है. गांव में किसी के पास अधिकारियों का नंबर नहीं है. अखबार से मोबाइल नंबर मिला था, जिस पर फोन करने के बाद लगता नहीं है.
फसल पर लटक रहे तार से दशहत में किसान
बिजली के तारों से निकली चिंगारी और तार टूटकर गिरने से किसानों के लिए फसल बचाना अब मुमकिन नहीं रह गया है. किसान राधे, संजीव, राकेश आदि ने बताया कि फ्रेंचाइजी कंपनी की अनदेखी किसानों के लिए मंहगा पड़ सकता है. बांस और बल्ली से होकर गुजरे तार खेतों और लोगों के घरों के ऊपर लटक रहे हैं. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
फ्रेंचाइजी कंपनी कर रही अनदेखी
ग्रामीणों का फ्रेंचाइजी कंपनी पर आरोप है कि मुरहन गांव में लगभग 500 घर है और यहां 90 फीसदी फ्रेंचाइजी कंपनी के उपभोक्ता हैं, जो नियमित रूप से बिल भुगतान करता है. फिर भी बांस की जगह पक्का पोल लगाने के प्रति कंपनी अनदेखी कर रहा है.
बोले ग्रामीण
गांव में ऐसा कोई गली नहीं है, जहां कि बांस के सहारे तार न गुजरा हो. आये दिन तार टूट कर गिरता रहता है और करंट की चपेट में आने से लोग बाल-बाल बचते हैं. फ्रेंचाइजी कंपनी से यह भी आश्वासन नहीं मिला कि जल्द ही पोल लग जायेगा. लोगों पर खतरा तो मंडरा रहा है पर बांस के पोल के बिना कोई उपाय भी नहीं है.
अभिनव कुमार
पेड़ और बांस के पोल के सहारे गुजरने वाले तार से ग्रामीणों को अक्सर धोखा मिलता है. एक बार तार टूट जाता है, तो कई दिनों तक बिजली नहीं मिलती है. हल्की हवा या बारिश में लोग तार गिरने के डर से घर से बाहर तक नहीं निकलते है. अगर निकलते भी हैं, तो सतर्क रहना पड़ता है. खेती भी चौपट हो रही है.
संजीव कुमार