भागलपुर/ नयी दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कैशलेस इकोनॉमी यानी डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के नये-नये तरीके ईजाद करने में लगी है, लेकिन हो रहा है इसका एकदम उलटा. नोटबंदी के बाद नंवबर में कार्ड से होनेवाले लेन-देन का मूल्य पिछले नौ महीनों में सबसे निचले स्तर पहुंच गया है. क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से किये जानेवाले लेन-देन की वैल्यू में नवंबर में करीब 31 फीसदी की गिरावट देखी गयी. लोगों ने प्वाइंट ऑफ सेल्स पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सिर्फ जरूरी खरीदारी के लिए किया. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की दो दिन पहले इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गयी है.
10% बढ़ा मोबाइल ट्रांजेक्शन
कैश संकट के चलते हाल के दिनों में मोबाइल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी हुई है. मोबाइल बैंकिंग से होनेवाले लेन-देन में करीब 10 फीसदी का इजाफा देखा गया है. नवंबर महीने में मोबाइल बैंकिंग से करीब 1,24,500 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ.
पीओएस लेन-देन घटा
कुल खर्च के साथ ही प्रत्येक पीओएस का औसत लेन-देन भी इस दौरान घटा है. अक्तूबर में औसत पीओएस लेन-देन 2229 रुपये था. वहीं, नवंबर में 1714 रुपये हो गया.
पहले हो रही थी वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पीओएस पर होनेवाला ट्रांजेक्शन नवंबर में घट कर 35,240 करोड़ रुपये रह गया. जबकि अक्तूबर में ये 51,116 करोड़ रुपये था. 13 दिसंबर तक कार्ड के जरिये लेन-देन का मूल्य करीब 18130 करोड़ रुपये ही रहा. इससे पहले जनवरी 2016 से अक्तूूूबर 2016 के बीच लगातार पीओएस से लेन-देन का मूल्य बढ़ा था.