इसी बैठक में इस बात का खुलासा होगा कि पार्ट वन की परीक्षा में शामिल होनेवाले तकरीबन 300 फर्जी छात्र ताड़र कॉलेज व सीएम कॉलेज के हैं या नहीं.
दरअसल पार्ट वन की परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र पर केंद्राधीक्षक ने कई छात्रों को एडमिट कार्ड होने के बावजूद परीक्षा में शामिल होने से मना कर दिया था. छात्रों के हंगामे के बाद विश्वविद्यालय ने परीक्षा देने की अनुमति दे दी. उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद पता चला कि तकरीबन 300 छात्रों का रजिस्ट्रेशन ही विश्वविद्यालय में नहीं हुआ है. सवाल उठा कि बिना रजिस्ट्रेशन के किसी छात्र को एडमिट कार्ड जारी कैसे किया जा सकता है. इनमें से कुछ छात्र ताड़र कॉलेज के थे और कुछ सीएम कॉलेज के. मामले को लेकर जांच कमेटी गठित की गयी. प्राचार्यों के साथ बैठक की गयी. सूत्रों के मुताबिक प्राचार्यों का कहना था कि कोई भी फर्जी छात्र उनके कॉलेज के नहीं हैं. लेकिन एडमिट कार्ड पर मुहर व हस्ताक्षर कॉलेज के होने के कारण अगली बैठक में इसकी पुष्टि पर बात की जायेगी.