भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की लॉ डिग्री रद्द करने का तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा बोर्ड ने शुक्रवार को अंतिम निर्णय लिया. कुलपति कक्ष में आयोजित बैठक में परीक्षा बोर्ड द्वारा लिये गये इस निर्णय की अनुशंसा विवि के सिंडिकेट को कर दी गयी, जो शनिवार को होनेवाली सिंडिकेट की बैठक में प्रस्तुत की जायेगी.
सिंडिकेट से पारित होने के बाद राजभवन को डिग्री रद्द करने के लिए भेज दिया जायेगा. परीक्षा बोर्ड की बैठक के बाद अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक हुई. तोमर को डिग्री जारी करने में दोषी 14 कर्मियों के विरुद्ध दंड तय किया गया. इसमें मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान के एक शिक्षक व एक क्लर्क के अलावा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 12 कर्मी शामिल हैं.
इस आधार पर रद्द होगी डिग्री
तोमर ने अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद से बैचलर की डिग्री ली थी और बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से माइग्रेशन. इन्हीं दोनों प्रमाणपत्रों को जमा कर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अंतर्गत मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान में नामांकन कराया था. इसी के आधार पर टीएमबीयू ने उन्हें लॉ की डिग्री जारी की थी. दोनों यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने टीएमबीयू को जानकारी दी थी कि तोमर को उक्त दोनों प्रमाणपत्र उक्त दोनों संस्थान से जारी नहीं किया गया था. फर्जी तरीके से नामांकन लेने पर जारी डिग्री को रद्द करने का निर्णय लिया गया.
परीक्षा विभाग से हमेशा के लिए हटाये गये सभी कर्मी
तोमर की डिग्री रद्द करने के निर्णय बाद अनुशासनात्मक कमेटी ने कर्मियों के विरुद्ध दंड तय कर दिया. वर्तमान में कार्यरत सभी कर्मियों को परीक्षा विभाग से हटाने का निर्णय लिया गया. किसी के ऊपर लीगल एक्शन लेने का, तो किसी का इंक्रीमेंट रोकने का भी निर्णय लिया गया. परीक्षा बोर्ड की बैठक में डिग्री रद्द करने का निर्णय लेते हुए सिंडिकेट को अनुशंसा की गयी. इसके बाद हुई अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक में डिग्री जारी करने में दोषी पाये गये 14 पदाधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ दंड देने के इस निर्णय की अनुशंसा भी सिंडिकेट को की गयी. अब सिंडिकेट डिग्री रद्द करने के फैसले को राजभवन को भेजने का निर्देश जारी करेगा. इसके साथ ही सिंडिकेट दंड देने के निर्णय पर विश्वविद्यालय को निर्देशित करेगा. परीक्षा बोर्ड व अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक में लिये गये फैसले से पत्रकारों को विश्वविद्यालय के सीसीडीसी डॉ अरुण कुमार मिश्रा ने विस्तृत जानकारी दी. परीक्षा बोर्ड की बैठक में कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे, डीन प्रो क्षेमेंद्र कुमार सिंह, प्रो पवन कुमार पोद्दार, प्रो दामोदर महतो, सीसीडीसी प्रो मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह मौजूद थे. वहीं अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक में कुलपति प्रो दुबे, सदस्य प्रो शंभु प्रसाद सिंह, प्रो हरपाल कौर, प्रो क्षेमेंद्र कुमार सिंह, सीसीडीसी प्रो मिश्रा, डॉ एसके पांडेय, कुलसचिव प्रो आशुतोष प्रसाद मौजूद थे.
मिल सकती है कई फेक डिग्रियां
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में काफी गड़बड़ियां अभी भी हैं. सूत्र बताते हैं कि अभी भी परीक्षा विभाग की जांच हो, तो कई फेक डिग्रियां मिल सकती हैं. ज्ञात हो कि परीक्षा विभाग में गड़बड़ी को लेकर वर्ष 2012 में ही सिंडिकेट ने विजिलेंस से जांच कराने का निर्णय लिया था. लेकिन इस पर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ायी गयी.