तोमर का रिजल्ट जिस करेक्शन किये हुए टीआर (टेबलेटिंग रजिस्टर) में दर्ज था, उस पर एसओ बड़े नारायण सिंह, प्रो रजी अहमद, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह और सदानंद राय स्वाधु का हस्ताक्षर है. तोमर को जारी किये गये ऑरिजनल सर्टिफिकेट क्लर्क निरंजन पोद्दार ने तैयार किया था, वरीय सहायक अनिरुद्ध दास ने उसका मिलान किया था और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन पोद्दार ने उस पर हस्ताक्षर किया था. दिनेश श्रीवास्तव ने रजिस्ट्रेशन किया था.
इसके अलावा रजिस्ट्रेशन सेक्शन के एसओ रामावतार शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार शंभूनाथ सिन्हा, सहायक भूदेव प्रसाद सिंह, सहायक एचके पांडेय पर काम ठीक से नहीं करने का आरोप है. जब डिग्री तैयार हो गयी, तो वीएनएस संस्थान मुंगेर के शिक्षक जनार्दन प्रसाद यादव ने सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए विवि में राशि जमा करायी. इसके बाद विवि से श्री यादव ने ही सर्टिफिकेट प्राप्त किया. सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद श्री यादव ने उसे वीनएस के क्लर्क कृष्णनंदन सिंह को रिसीव कराया. इसके बाद श्री सिंह ने तोमर को सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया. सीसीडीसी प्रो मिश्रा ने बताया कि इनमें कई कर्मी व पदाधिकारी रिटायर हो चुके हैं और कुछ कार्यरत हैं. उनके खिलाफ दंड तय कर दिया गया है, जिसे सिंडिकेट की अनुमति मिलने के बाद विवि प्रशासन अनुपालन करेगा.