भागलपुर: स्वास्थ्य विभाग ने शहर में चल रहे पैथोलॉजी संचालकों के खिलाफ अभियान के तहत नोटिस भेजने व जवाब देने का सिलसिला जारी है, लेकिन अब तक विभाग ने संचालकों को मानक तक उपलब्ध नहीं कराया है, इससे संचालकों में आक्रोश है. उनका कहना है कि हमलोग पंजीयन कराने को तैयार हैं पर कहां, और कब कराना है, यह तक पता नहीं है. इतना ही नहीं विभाग मानक यह भी तय नहीं कर पा रहा है कि कौन जांच कर सकता है, और कौन नहीं कर सकता है. ऐसे में हमलोग क्या करेंगे.
ऐसा नहीं है कि हमलोग गलत को बढ़ावा दे रहे हैं, पर जो सही जांच घर है, उसे मानक बता कर निश्चिंतता से काम करने की अनुमति तो मिलनी ही चाहिए. मरीज जांच घर में आते ही पूछते हैं कि जांच रिपोर्ट देंगे या नहीं.
चूंकि पता चलता है कि विभाग के अधिकारी जांच करने आते हैं तो संचालक भाग खड़े होते हैं. ऐसे में सैंपल देने के बाद रिपोर्ट नहीं मिले तो परेशानी हो सकती है. सीएस डॉ यूएस चौधरी का कहना है कि पंजीयन स्टेट काउंसिल से ही होना है. इसमें हमलोग सभी कानूनी पक्षों को देख रहे हैं उसके बाद पटना, पूर्णिया या अन्य शहरों में चल रहे जांच घरों की स्थिति का पता लगा रहे हैं. उसके बाद ही मानक तय किया जायेगा.