भागलपुर : करीब दो माह पहले जेएलएनएमसीएच की सुरक्षा व्यवस्था पूर्व सैनिकों के हाथों में यह कहते हुए दे दी गयी कि अब यहां पर बिना मरजी के परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा. लेकिन मायागंज हॉस्पिटल के वीआइपी क्षेत्र (पेइंग वार्ड) में असलहे के साथ ट्रालीमैन व सफाइकर्मी के पकड़े जाने के बाद हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
गौरतलब हो कि पुरानी सुरक्षा व्यवस्था को बदलकर करीब दो माह पहले मायागंज हॉस्पिटल की सुरक्षा व्यवस्था मेजर सामांता की सुरक्षा एजेंसी को दे दिया गया. यही नहीं हॉस्पिटल प्रशासन ने सुरक्षा एजेंसी को निर्देश जारी किया कि बिना पास के हॉस्पिटल में कोई न घुसे. लेकिन पास व्यवस्था के बीच लोग असलहा लेकर घुसने लगे हैं. हॉस्पिटल सूत्रों की मानें तो नवरात्र के दौरान हॉस्पिटल के इमरजेंसी में तीन बार हंगामा व तोड़फोड़ हुआ था. इसको लेकर हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने इमरजेंसी में तैनात जूनियर चिकित्सकों की क्लास भी ली थी. इसके बावजूद यहां पर सुरक्षा व्यवस्था जस की तस रही.
अब असलहा के साथ पकड़े जाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि हॉस्पिटल में भरती मरीज, नर्स, चिकित्सकों एवं तीमारदारों की सुरक्षा कैसे होगी ? जबकि यहां पर तीन शिफ्ट में 84 सुरक्षा गार्ड व सिक्योरिटी सुपरवाइजर की नियुक्ति की गयी है. इन पर हर माह करीब साढ़े 13 लाख रुपये खर्च होते हैं.