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निगरानी के अभियुक्त होंगे बरखास्त

भागलपुर: निगरानी न्यायालय द्वारा जिन कर्मचारियों व पदाधिकारियों को अभियुक्त करार दिया गया है, उन्हें सेवा से बरखास्त किया जायेगा. जिला में निगरानी कोर्ट द्वारा 91 कर्मचारियों को अभियुक्त ठहराया गया है. मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने सभी कर्मियों को सेवा से बरखास्त करने के लिए अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया. वह सोमवार को […]

भागलपुर: निगरानी न्यायालय द्वारा जिन कर्मचारियों व पदाधिकारियों को अभियुक्त करार दिया गया है, उन्हें सेवा से बरखास्त किया जायेगा. जिला में निगरानी कोर्ट द्वारा 91 कर्मचारियों को अभियुक्त ठहराया गया है. मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने सभी कर्मियों को सेवा से बरखास्त करने के लिए अविलंब कार्रवाई का निर्देश दिया. वह सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में विभागीय कार्रवाई एवं विधि व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे.

भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने ऐसे सभी मामलों में विभागीय कार्रवाई को पूर्ण कर अभियुक्त कर्मी को बरखास्त करने के लिए मामलावार समय सीमा निर्धारित की. जिला में डीएम के प्रशासनिक प्राधिकार के अंतर्गत ऐसे सात मामले हैं, जिनमें से एक मामले में कर्मचारी को बरखास्त किया जा चुका है.

चार मामलों में फरवरी के अंत एवं दो मामलों में मार्च अंत तक बरखास्तगी की कार्रवाई करने का समय निर्धारित किया गया. मुख्य सचिव ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रमाणित मामलों में बरखास्तगी से कम दंड नहीं दिया जाये. यदि कोई अनुशासनिक प्राधिकार या संचालन पदाधिकारी के स्तर से ऐसे मामलों में बरखास्तगी से कमतर दंड दिया गया तो संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई का संचालन किया जायेगा. वीडियो कांफ्रेंसिंग में पुलिस महानिदेशक अभयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव, गृह विभाग के प्रधान सचिव व जिला से पुलिस महानिरीक्षक जीतेंद्र कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम, पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय सिंह, जिलाधिकारी बी कार्तिकेय, वरीय पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, पुलिस अधीक्षक नवगछिया शेखर कुमार आदि उपस्थित थे.

सीसीए मामलों की अनुशंसा भेजें
विधि व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव श्री सिन्हा ने सीसीए के उपयुक्त मामलों के लिए अनुशंसा भेजने का निर्देश दिया. शस्त्र बरामदगी के मामले में अविलंब आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए उन्होंने सांप्रदायिक तनाव से संबंधित मामलों में अविलंब अभियोजन स्वीकृत व दो माह के अंदर आरोप पत्र दायर करने के लिए कार्रवाई करने को कहा. आगामी चुनाव के मद्देनजर मुख्य सचिव ने कहा कि निर्वाचन के दौरान जिन क्षेत्रों में जातिगत बहुलता के कारण कमजोर वर्ग के मतदाताओं को मताधिकार से वंचित रखने की आशंका हो, वैसे क्षेत्रों में पैनी नजर रखी जाये. होली त्योहार से पूर्व निरोधात्मक कार्रवाई करने एवं सभी पुलिस उप महानिरीक्षक को होली पूर्व निरोधात्मक कार्रवाई की समीक्षा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी स्तर पर करते हुए इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया.

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