धनतेरस पर भागलपुर नगर निगम को मिले छह करोड़
भागलपुर : मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना में से एक गली-नाला पक्कीकरण के लिए भागलपुर नगर निगम को छह करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है. हर वार्ड को 15-15 लाख दिये जायेंगे. नगर निगम प्रशाल में शुक्रवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम में मेयर दीपक भुवानियां ने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत आवंटन आ गया है. कार्यक्रम में मेयर दीपक भुवानियां, नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह, डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर वसभी पार्षद उपस्थित थे. नगर आयुक्त ने कहा कि पहले ही 12-12 लाख की योजना के लिए राशि का आवंटन हो गया है.
योजना के लिए ई-टेंडरिंग भी हो गयी है. छठ के बाद इस पर काम हो जायेगा. नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि इस योजना में सड़क को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जायेगा और इसके साथ नाला का भी निर्माण होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जहां शुरू से अब तक पक्की सड़क और नाला नहीं बना है वहीं इस योजना के तहत काम होना है.
समय पर काम करनेवाले संवेदक को दें काम
संवाद कार्यक्रम में पार्षदों ने मेयर और नगर आयुक्त से कहा कि शहर के सभी वार्ड में जो योजना चल रही है, उसमें संवेदक समय पर काम नहीं करते हैं. इसलिए वैसे संवेदक को काम दिया जाये जिससे काम समय पर हो जाये. पार्षदों की इस बात पर मेयर और नगर आयुक्त ने कहा कि शहर में बीस लाख से पचास लाख तक की योजना का काम कर रहे संवेदक को इस योजना का काम नहीं दिया जाये.
दीपावली के बाद सभी संवेदकों की लिस्ट तैयार कर दें
संवाद कार्यक्रम में मेयर ने योजना शाखा प्रभारी को सभी संवेदक का लिस्ट तैयार कर दीपावली के बाद देने को कहा. मेयर और नगर आयुक्त ने सभी पार्षदों से दीपावली पर्व और काली पूजा में साफ-सफाई और रोशनी के बारे में जानकारी मांगी. संवाद कार्यक्रम में पार्षद नील कमल, मो मेराज, विवेकानंद शर्मा, रंजन सिंह, संजय सिन्हा, रश्मि रंजन, साइदा, जानकी देवी सहित पार्षद मौजूद थे.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को हर घर तक पक्की गली-नालियां योजना का शुभारंभ किया. विकसित बिहार के सात निश्चयों में यह शामिल है. सरकार के तीन विभागों नगर विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग और पंचायती राज विभाग की ओर से इसे क्रियान्वित किया जा रहा है.
शहरों में इसका क्रियान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग और पंचायतों में पंचायती राज विभाग कर रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग 100 से अधिक आबादी वाली बसावटों के लिए बारहमासी सड़कों के निर्माण के लिए ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस वित्तीय वर्ष में कुल 20% आबादी को सुविधा दी जायेगी. इसे चरणवार 2019-20 तक पूरा किया जायेगा. ग्रामीण विकास विभाग को पीएमजीएसवाइ और एमएमजीएसवाइ के कोर नेटवर्क से 100 की आबादीवाले छूटे टोलों को जोड़ना है.
100 या अधिक आबादी वाले 13786 बसावट बचे हैं, जिनको बारहमासी सड़क से जोड़ना है. इसके लिए 12500 किमी पथों का निर्माण किया जाना है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य 2500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए 444.5 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना पड़ेगा. इस वित्तीय वर्ष में सड़कों के निर्माण पर 1702 करोड़ खर्च होंगे. इसी तरह नगर विकास एवं आवास विभाग 20% वार्डों में पक्की नाली गली का निर्माण करायेगा. 2016-17 में नगर विकास एवं विकास विभाग 425.63 किमी पक्की गली का निर्माण करायेगा, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में 358.10 किमी नालियों का निर्माण कराया जायेगा. इस पर 277.23 करोड़ खर्च होंगे. पंचायती राज विभाग 8391 पंचायतों के 114733 वार्डों में 20% में गली-नाली का निर्माण कराया जाना है. हर पंचायत में पांच किमी गली नाली का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस वित्तीय वर्ष में 41955 किमी गली- नालियों का निर्माण कराया जायेगा. इस पर 3053.48 करोड़ खर्च होंगे.
सपा से नहीं आया कोई आमंत्रण : नीतीश
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि पांच नवंबर को समाजवादी पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में शामिल होने के लिए मुझे कोई आमंत्रण नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने विपक्षी पार्टियों के बीच एकता का समर्थन किया.
घर तक पक्की गली नालियां योजना के उद्घाटन के बाद उन्होंने यूपी में महागंठबंधन बनाने की सपा की कोशिश को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा कि छह पार्टियों को लेकर हमलोगों ने पहल की थी. उसमें प्रगति हुई थी.
मुलायम सिंह के नेतृत्व में मर्जर की बात थी. पर, वह बात आगे नहीं बढ़ी. लेकिन, राजनीति में जो बात खत्म हुई है, उसका मतलब यह नहीं है कि आगे की संभावना खत्म हो गयी है. संभावना बनी रहती है. सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कॉलेजियम पर जल्द निर्णय होना चाहिए. जो व्यवस्था है, उसमें कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की खास भूमिका निर्धारित की गयी है. देश को आगे बढ़ाने में तीनों में समन्वय होना चाहिए. न्यायपालिका की जो भी समस्या है, केंद्र सरकार द्वारा उसका समाधान किया जाना चाहिए. यह विवाद का विषय नहीं है. संविधान में संशोधन के लिए संसद सक्षम है. अभी की व्यवस्था में सभी को सहयोग करना चाहिए.