भागलपुर : शहर में पैथोलॉजी सेंटरों के खिलाफ शनिवार शाम से चला अभियान रविवार को भी जारी रहा. रविवार को सिविल सजर्न डॉ यूएस चौधरी ने 10 पैथोलॉजी सेंटर के संचालकों के नाम नोटिस भेजा. उन्होंने बाकी संचालकों के यहां भी विभागीय जांच करने की बात कही. दूसरी ओर छापेमारी के भय से रविवार को शहर के अधिकतर पैथोलॉजी सेंटरों में ताला लटका रहा. इन सेंटरों के संचालक बचाव की रणनीति बनाने में भी जुटे रहे.
संचालकों ने रविवार को अपना एक एसोसिएशन भी बनाया. पैथोलॉजी सेंटरों के बंद रहने से रविवार को मरीजों को दिक्कत हुई. दूर-दूर से जांच व रिपोर्ट लेने आये मरीज व उनके परिजन परेशान रहे. उनका कहना था कि जांच की कार्रवाई सही है, पर सही व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है.
जांच घरों के मानक पर होगी बात : दूसरी ओर छापेमारी के बाद रविवार को दिन भर पैथोलॉजी संचालक विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए अपनी रणनीति तैयार करते रहे. आनन-फानन में पैथोलॉजी संचालकों ने ऑल इंडिया मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन नाम का एक संगठन गठित
कर लिया.
इसके लिए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का भी चयन कर लिया गया है. अब सोमवार को संगठन के बैनर तले पदाधिकारियों का एक दल सिविल सजर्न से मिलेगा. इसमें जांच घरों के मानक पर बात हो सकती है.
कानून के मुताबिक काम करने को तैयार : कुछ संचालक नियम-कानून की जानकारी के लिए अधिवक्ता से राय-मशविरा भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि हमलोगों को सरकार नौकरी भी नहीं दे रही है. जांच घर चला रहे हैं तो उसमें भी परेशानी हो रही है. ऐसे में हमलोग क्या करें. उनका यह भी कहना है कि अगर विभाग को जांच ही करनी है तो पहले हमलोगों को नोटिस भेजे. इसके बाद एक निश्चित समय दें. अगर उसके बाद हमलोग उनकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे तो कार्रवाई हो. कानून के अनुसार हमलोग काम करने को तैयार हैं.
पहले विभाग यह जानकारी तो दे कि कैसे जांच घर चलाना है. पैथोलॉजिस्ट डॉ रविंद्र कुमार मिश्र, डॉ सत्येंद्र सहित अन्य चिकित्सकों का कहना है कि पहले बेसिक चीजों को विभाग पूरा कराये ताकि सही जांच हो सके. शहर के अन्य चिकित्सकों का भी मानना है कि मानक के अनुसार जांच होना चाहिए पर विभाग को भी सेंटर संचालकों को बताना होगा कि कैसे जांच करनी है. जानकारी के अनुसार सोमवार को भी कुछ सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर सकती है.