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मल्टी टोन्ड हॉर्न बजाये तो लगेगा जुर्माना
भागलपुर : कहीं भी मल्टी टोन्ड हॉर्न बजाना. अस्पताल हो या कोर्ट, हॉर्न बजाते हुए निकलना. रात दस बजे के बाद डीजे बजाना. ऐसा करने वालों पर अब सख्ती की जायेगी. जिले को ध्वनि मापक यंत्र मिल गया है. अब ध्वनि के मानक तय होंगे और उसे मापा भी जायेगा. मानक से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न […]
भागलपुर : कहीं भी मल्टी टोन्ड हॉर्न बजाना. अस्पताल हो या कोर्ट, हॉर्न बजाते हुए निकलना. रात दस बजे के बाद डीजे बजाना. ऐसा करने वालों पर अब सख्ती की जायेगी. जिले को ध्वनि मापक यंत्र मिल गया है. अब ध्वनि के मानक तय होंगे और उसे मापा भी जायेगा. मानक से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. एसएसपी मनोज कुमार ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में ध्वनि मापक यंत्र के बारे में बताया. यह यंत्र मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराया गया है. अब पुलिस इस यंत्र के सहयोग से ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों को पकड़ेगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
किया उल्लंघन तो मिलेगी सजा : मानक स्तर से ज्यादा ध्वनि उत्पन्न करनेवालों को कड़ी सजा मिलेगी. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दिये गये दंडात्मक व्यवस्था के अंतर्गत इस तरह के अपराध के लिए ज्यादा से ज्यादा पांच वर्षों तक का कारावास जुर्माना के बिना या अधिकतम एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों की सजा है. ध्वनि प्रदूषण के प्रति गंभीर सरकार ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिया है कि नियमों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.
ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए की गयी है व्यवस्था
लाउडस्पीकर का उपयोग प्राधिकार से लिखित अनुज्ञा प्राप्त करने के बाद ही हो
लाउडस्पीकर या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाला यंत्र रात में सिर्फ बंद परिसर में ही किया जाये, बाहर नहीं
भोपू का उपयोग शांत परिक्षेत्रों या रात्रि में आवासीय क्षेत्रों में सार्वजनिक आपात के सिवाय नहीं किया जाना चाहिए
केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 119 के तहत किसी भी वाहन में मल्टी टोन्ड हॉर्न बहुत शोर उत्पन्न करता है इसलिए इसपर प्रतिबंध लगाया जाये
शांत क्षेत्र कहां-कहां : सरकार द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार शांत प्रक्षेत्र वह है जहां अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय या धार्मिक स्थान हों.
इनसे फैलता है ध्वनि प्रदूषण : ध्वनि प्रदूषण का स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है. ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण औद्यौगिक क्रियाकलाप, निर्माण क्रियाकलाप, पटाखे, ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण, जेनरेटर सेट, लाउस्पीकर, लोक संबोधन प्रणाली, संगीत प्रणाली और वाहनों में उपयोग होने वाले मल्टी टोन्ड हॉर्न आदि शामिल हैं.
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