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नहीं मिला बच्चा का दूध, नाश्ते का सत्तू

राहत शिविर का हाल. गंगा का जल स्तर घटा, नहीं कम हुई पीड़ितों की परेशानी सबौर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गंगा का जल स्तर घटने से लोग जहां राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं अभी भी गांव-घरों में पानी भरा रहने से लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई है. अभी भी हजारों लोग विभिन्न बाढ़ग्रस्त […]

राहत शिविर का हाल. गंगा का जल स्तर घटा, नहीं कम हुई पीड़ितों की परेशानी

सबौर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गंगा का जल स्तर घटने से लोग जहां राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं अभी भी गांव-घरों में पानी भरा रहने से लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई है. अभी भी हजारों लोग विभिन्न बाढ़ग्रस्त गांवों में घरों के छप्पर व छतों पर शरण लिये हैं.
भागलपुर : लोग मिट्टी के अलगी चूल्हे पर मकई के भुटनी व लकड़ी काठी से रोटी भुंजा बना खा रहे हैं. इन्हें सबसे अधिक दिक्कत पीने के पानी, बच्चे का दूध व दवा की है. प्रशासन की आेर से इनके लिए चूड़ा-गुड़, प्लास्टिक, चावल, दाल आदि राहत सामग्री नाव से भिजवायी जा रही है.
1500 आदमी के लिए तीन क्विंटल चूड़ा : बुधवार को प्रखंड की ओर से शंकरपुर पंचायत के लिए चूड़ा, प्लास्टिक व उसना चावल व दाल भिजवाया जा रहा था. शंकरपुर के मुखिया ने बताया कि 1500 लाेगों के लिए तीन क्विंटल चूड़ा, प्लास्टिक,पांच क्विंटल उसना चावल, दाल और शौचालय बनाने का सामान मिला है.
पहले भी तीन क्विंटल चूड़ा और छह टीन गुड़ मिला था. उन्होंने बताया कि प्रशासन जो भी दे रहा है, सब ठीक है. उन लोगों को सबसे अधिक दिक्क्त पीने के पानी और बच्चे के लिए दूध की है. रामनगर, अठगामा, पुरानी शंकरपुर आदि गांवों में सैकड़ों लोग घरों के छप्पर व छतों पर ठहरे हैं. शंकरपुर व अठगामा के लिए बने राहत शिविर में 1500 सौ आदमी का सुबह शाम खाना बन रहा है. बच्चे के लिए दूध व नाश्ते का सत्तु आदि अभी नहीं मिला है.
ममलखा की मुखिया कल्याणी देवी ने बताया कि अभी भी बाढ़ का पानी सब जगह भरा है. मुख्यमंत्री के आने के बाद पदाधिकारी हमारे यहां के बाढ़ पीड़ितों पर पूरा ध्यान दे रहे हैं. राहत शिविर में खाना बन रहा है, लेकिन पशु चारा अभी भी नहीं मिला है.
अब मेडिकल कैंप में बड़े चिकित्सक की जरूरत : ममलखा, बैजलपुर, लैलख, फरका आदि पंचायत के लोगों ने बताया कि अब पानी घट रहा है, लेकिन बदबू फैल रहा है. अभी तक राहत कैंप में पोकही, सरदी व खांसी, पेट दर्द आदि का इलाज हो रहा था. अब पानी व गंदगी से बदबू उठने लगा है. लोगों ने सड़क किनारे ही शौच कर गंदा कर दिया, इससे डायरिया फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया. यहां बड़े डॉक्टर का 24 घंटे जरूरत पड़ेगी.
आज शाम चार बजे तक 23 सेंटीमीटर जलस्तर घटेगा : गंगा का जलस्तर लगातार घटने की ओर है. जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से ऊपर है, लेकिन यह सिलसिला जारी रहा तो जल्द ही विस्थापित को राहत मिल जायेगी. गुरुवार शाम चार बजे तक गंगा का जलस्तर वर्तमान से 23 सेंटीमीटर कम होगा. वर्तमान में बुधवार सुबह छह बजे तक गंगा का जलस्तर 34.45 मीटर पर था. जलस्तर में कमी के बावजूद गंगा खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर ऊपर है.
राहत शिविर में एक तरफ तो भूख से परेशान बच्चा सो रहा है लेकिन दूसरी तरफ एक बच्ची पढ़ाई में जुटी है.

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