भागलपुर : गंगा मैया अभी गुस्से में हैं. लाखों लोग बेघर हो गये हैं, तो उनके कोप से बचने के लिए लोग दुर्गा मैया की शरण में आ गये हैं. दुर्गा मां के दरबार में जैसे दशहरा के मेला की तैयारी हो रही हो. मंदिर के इर्द-गिर्द छोटे-छोटे बच्चे गोटी का खेल चल रहा है. ऐसा ही नजारा महाशय ड्योढ़ी स्थित दुर्गा मंदिर के परिसर का दिख रहा है.
लेकिन यहां आये सैकड़ों लोगों को जब आप दो चापाकल से पानी ढोकर लाते देखेंगे, तपते प्लास्टिक की छत के नीचे महिलाओं को पल्लू से पसीने पोंछते देखेंगे और उनकी परेशानी पूछेंगे, तो भ्रम से बाहर आ जायेंगे. तब लगेगा कि यह दशहरे का मेला नहीं था, बल्कि बाढ़ पीड़ितों का संघर्ष है. हालात कमोबेश हर जगह ऐसा ही है. शहर के हर खाली ठिकाना पर बाढ़पीड़ित हैं. हर मंदिर और विद्यालय का मैदान बाढ़ पीड़ितों की शरणस्थली बनी है.