निगरानी विभाग ने पूर्व बीइओ के वेतन और मौजूदा संपत्ति की तुलना की गयी. उनके विभागीय वेतन से होनेवाली बचत से अधिक संपत्ति का आकलन हुआ. वर्ष 2010 में निगरानी ने पूर्व बीइओ पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला निगरानी कोर्ट में दर्ज किया.
कोर्ट में मामला दर्ज होने के बाद जारी वारंट को भी पूर्व बीइओ नजर अंदाज करते रहे. फरार होने की स्थिति में अदालत ने कुर्की जब्ती का आदेश दिया. पूर्व बीइओ जिला जज के यहां अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की. जहां दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जिला जज ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. पूर्व बीइओ के अधिवक्ता ने बताया कि अब हाई कोर्ट जायेंगे.