सुलतानगंज : सुलतानगंज से देवघर जाने के दौरान कच्चा कांवरिया पथ पर प्रमुख स्थलों पर ही पीएचइडी द्वारा चापाकल व बोरिंग लगाये गये हैं. एके गोपालन कॉलेज व कठपुलवा के बीच सरकारी चापाकल पर्याप्त संख्या में नहीं है. कांवरियाें को बोतलबंद पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है.
टाटा से आये कांवरिया मनीष अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक आधा किमी पर चापाकल की व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे शुद्ध पानी का उपयोग कर सके. महाराष्ट्र के कांवरिया अनिल कुमार ने कहा कि ज्यादातर जगह दूषित पानी ही मिलता है. मजबूरन बोतल बंद पानी का उपयोग करना पड़ता है.
छत्तीसगढ़ के कांवरिया रवि कुमार ने कहा कि बोतलबंद पानी का मूल्य भी अधिक लिया जाता है. दुकानदारों द्वारा लगाये गये चापाकलों का पानी शुद्ध नहीं है. इन चापाकलों का पानी पीने से खास कर महिलाएं व बच्चे उल्टी करने लगते हैं. इसलिए अधिक पैसे देकर भी बोतलबंद पानी लेना पड़ रहा है.