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कूड़े के ढेर ने रास्ता को कर दिया गायब
भागलपुर : खलीफाबाग चौक समीप चमड़ा गोदाम लेन के डॉ आरपी रोड से बूढ़ानाथ की ओर जाने वाली रास्ता 47 वर्षों से बंद पड़ा है. यह रास्ता कभी खुला होने के कारण खलीफाबाग चौक पर ट्रैफिक लोड को कम करता था. यह रास्ता एक दिन में बंद नहीं हुआ, बल्कि स्थानीय लोगों की लापरवाही, रास्ते […]
भागलपुर : खलीफाबाग चौक समीप चमड़ा गोदाम लेन के डॉ आरपी रोड से बूढ़ानाथ की ओर जाने वाली रास्ता 47 वर्षों से बंद पड़ा है. यह रास्ता कभी खुला होने के कारण खलीफाबाग चौक पर ट्रैफिक लोड को कम करता था. यह रास्ता एक दिन में बंद नहीं हुआ, बल्कि स्थानीय लोगों की लापरवाही, रास्ते पर उन्हीं के द्वारा कूड़ा-कचरा फेंकने एवं अतिक्रमण से रास्ता नजरों से ओझल हो गया.
दो दिन गुजरा अतिक्रमण मुक्त अभियान का अमला: दो दिन अतिक्रमण मुक्ति अभियान का अमला उस ओर से गुजरा, लेकिन उन्हें भी इस रास्ते पर नजर नहीं पड़ी. इससे अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका. इसमें एसडीओ कुमार अनुज भी शामिल थे. उन्हें कुछ लोगों ने अवगत कराना चाहा, लेकिन प्रभावी लोगों से उनका मुंह बंद करा दिया.
ऐसे हुआ अतिक्रमण और रास्ता बंद
वहां पर धीरे-धीरे झोपड़पट्टी भी बस गयी, जो असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार पुलिस द्वारा चोरी और अवैध धंधा करने के मामले में गिरफ्तारी भी की गयी है. व्यवसायियों व स्थानीय लोगों की मांग पर कुछ झोपड़पट्टी तो हटा दी गयी, लेकिन अब भी पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है. व्यवसायियों की मांग पर ही पांच वर्ष पहले तत्कालीन नगर विधायक अश्विनी चौबे ने उक्त अतिक्रमित भूमि पर सड़क निर्माण का टेंडर पास करा दिया, जिसका चिन्ह आज भी शिलापट के रूप में डॉ आरपी रोड स्थित है. दोनों ओर आधी-अधूरी सड़कों का निर्माण भी कर दिया गया है, लेकिन अतिक्रमण मुक्त करा कर सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका.
स्थानीय लोगों का दर्द : व्यवसायी विजय पोद्दार बताते हैं कि 40-45 वर्ष पहले बाजार के लोगों का इस रास्ते से काफी आना-जाना था. असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया तो लोग कटने लगे. धीरे-धीरे कुछ लोगों द्वारा कूड़ा फेंकना भी शुरू हो गया. इससे रास्ता बंद हो गया. स्थानीय साहित्यकार महेंद्र मयंक ने बताया कि 2010 में जिलाधिकारी से रास्ता खुलवाने की मांग की. 2012 में वर्तमान मेयर के जनता दरबार में आवेदन दिये, फिर सुनवाई नहीं हुई. अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. रास्ते को नहीं खुलवाने के कारण आसपास के क्षेत्रों को शौचालय बना दिया गया है. कूड़ा को नहीं हटाने के कारण मुहल्ले को लोगों के बीच सड़ांध बदबू फैल रही है. इससे यही कहा जा सकता है शहर की हृदय स्थली मुख्य बाजार का बड़ा कोढ़ नगर निगम प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई.
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